गंगटोक : सिक्किम सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा मंगलवार को यहां एक स्थानीय होटल में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र योजनाओं पर एक विशेष एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना 2024 पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया।
इस कार्यक्रम में वित्तीय संस्थानों, उद्योग संघों और उद्यमियों के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया, ताकि सिक्किम के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय योजनाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा सके। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गंगटोक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक दिल्ले नामग्याल बर्फुंग्पा थे, जिन्होंने अपने संबोधन में उन्नति योजना के तहत इष्टतम निधि उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को बताया कि सिक्किम ने औद्योगिक क्षेत्र को समर्थन देने के लिए उन्नति के अंतर्गत 514 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया है। हालांकि, उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इस एप्लिकेशन का पूरा उपयोग नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि यद्यपि पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, लेकिन इसका प्रभाव कार्यान्वयन एजेंसियों की प्रेरणा और सक्रिय प्रयासों पर निर्भर करता है। उन्होंने संबंधित विभागों और संस्थानों से आग्रह किया कि वे प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी, सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, कागजी कार्रवाई को कम करने और विशेष रूप से महत्वाकांक्षी उद्यमियों के बीच व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए आसान ऋण की सुविधा के महत्व पर बल दिया।
मुख्यमंत्री के ‘सुनाहरे, समृद्ध एवं समर्थ सिक्किम’ के विजन और ‘एक परिवार, एक उद्यमी’ की प्रमुख अवधारणा का उल्लेख करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि इन विजनों की सफलता सामूहिक प्रयासों पर निर्भर करती है और उन्होंने उद्योग क्षेत्र की पूरी क्षमता का पता लगाने के लिए तालमेल, पहल और विचार-मंथन की आवश्यकता पर बल दिया। सभी पक्षों से नए सिरे से प्रतिबद्धता का आह्वान करते हुए विधायक बर्फुंग्पा ने कहा कि उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन है तथा उन्होंने हितधारकों से आग्रह किया कि वे इस पहल को समावेशी विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में देखें।
मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री गुरनीत तेज ने उन्नति योजना के तहत सिक्किम से कम पंजीकरण संख्या पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जहां पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामूहिक रूप से 300 से अधिक पंजीकरण हुए, वहीं सिक्किम में केवल 10 पंजीकरण हुए, जो इस राज्य में धीमी प्रगति का संकेत है, जहां औद्योगिक क्षेत्र में और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
उन्होंने भागीदारी की कमी के पीछे अंतर्निहित कारणों की पहचान करने के महत्व पर बल दिया तथा ऊपर से नीचे की ओर से ऊपर की ओर दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि वास्तविक विकास जमीनी स्तर से आना चाहिए, तथा स्थानीय संसाधनों और उद्यमशीलता का लाभ उठाना चाहिए। सिक्किम राज्य को अक्सर प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर सुश्री तेज ने बाहरी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अत्यधिक निर्भरता के खिलाफ आगाह किया और राज्य के भीतर अधिक आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्थानीय संसाधनों की पहचान करना केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उद्यमियों और समुदाय की भी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि सिक्किम में प्रतिभाशाली और सक्षम युवा आबादी है, जो इस बदलाव का नेतृत्व कर सकती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संचार और समर्पित कार्यशालाओं के माध्यम से वित्तीय संस्थानों को संवेदनशील बनाने के प्रयास किए जाएंगे तथा उन्हें अधिक सहानुभूतिपूर्ण समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने सिक्किम में सुस्त पड़े औद्योगिक माहौल को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रों से सामूहिक सहयोग का आह्वान किया।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की सचिव सुश्री कर्मा डी यूत्सो ने अपने मुख्य भाषण में सिक्किम के महत्वाकांक्षी उद्यमियों की विशाल क्षमता पर प्रकाश डाला और आर्थिक विकास को गति देने के लिए निरंतर समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास रातोंरात नहीं हो सकता, लेकिन इसे सामूहिक प्रयास, रणनीतिक योजना और व्यवसायों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण के निर्माण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, यह एक ऐसा उद्देश्य है, जिसे राज्य सरकार मुख्यमंत्री के दूरदर्शी मिशन ‘एक परिवार, एक उद्यमी’ के तहत सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है। उन्नति योजना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सिक्किम के लिए विशेष रूप से समर्पित 514 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह योजना विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों के उद्यमों को पर्याप्त निवेश प्रोत्साहन और व्यवसाय ऋण ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है, जिनमें अपने परिचालन का विस्तार करने वाले उद्यम भी शामिल हैं। सुश्री यूत्सो ने उपस्थित लोगों को बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, जिला उद्योग केन्द्रों के साथ मिलकर सभी जिलों में गहन जागरूकता अभियान चला रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस योजना का लाभ जमीनी स्तर के उद्यमियों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि निरंतर प्रयासों के बावजूद सिक्किम से पंजीकरण की संख्या मात्र 10 है। हालांकि, यह देखते हुए कि आरंभिक गणना केवल दो थी, उन्होंने वर्तमान आंकड़े को क्रमिक प्रगति का संकेत माना, साथ ही अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के बराबर पहुंचने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।
उन्होंने सभी विभागों, वित्तीय संस्थानों और निवेशकों से आगे आकर निकट समन्वय से काम करने का आह्वान किया। इस बात पर बल देते हुए कि विभाग की भूमिका प्रगति में बाधा डालना नहीं, बल्कि उसे सुगम बनाना है। सुश्री यूत्सो ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे दस्तावेज़ीकरण और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने में निवेशकों और उद्यमों को सहायता प्रदान करें, तथा यह सुनिश्चित करें कि प्रक्रियागत बाधाओं के कारण कोई अवसर नष्ट न हो। उन्होंने उद्यमियों को तेजी से कार्य करने, अच्छी तरह तैयार रहने और सक्रिय रूप से संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने पूरी प्रक्रिया में आवेदकों की सहायता के लिए विभाग में ग्रांट थॉर्नटन की एक समर्पित उन्नति सहायता टीम की उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला। अपने संबोधन के समापन पर सुश्री यूत्सो ने राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया तथा सभी हितधारकों से इस योजना के तहत पंजीकरण में तेजी लाने और सिक्किम के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने में मदद करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। कार्यशाला के दौरान उन्नति की परियोजना निगरानी इकाई की सुश्री सिमरत सिंह ने योजना के तहत पंजीकरण और दावा प्रक्रियाओं का व्यापक अवलोकन प्रदान किया। इसके बाद पोर्टल एजेंसी द्वारा उन्नति पोर्टल का लाइव प्रदर्शन किया गया।
सत्र में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर खंड भी शामिल था, जिसमें प्रतिभागियों को योजना से संबंधित प्रश्न पूछने और चिंताओं को स्पष्ट करने का अवसर मिला तथा इस प्रकार योजना कार्यान्वयन में आने वाली बाधाओं की पहचान करने में मदद मिली। कार्यशाला का समापन वाणिज्य एवं उद्योग संयुक्त सचिव श्री गोपाल के छेत्री के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। स्वागत भाषण अतिरिक्त सचिव सह निदेशक वाणिज्य एवं उद्योग सुश्री चोडेन ग्याछो ने दिया।
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