गंगटोक, 07 अक्टूबर । उत्तर सिक्किम में बीते मंगलवार की देर रात हुए प्राकृतिक आपदा के कारण तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद से मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग में तीन हजार से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। ये सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। हालांकि, आपदा के कारण इन इलाकों के सभी सड़क संपर्क टूट गया है। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम, निचले इलाकों में बादल छाए रहने और लाचेन एवं लाचुंग में कम दृश्यता के कारण भारतीय वायु सेना द्वारा एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा राहत व बचाव अभियान शुरू करने में सफलता नहीं मिली है। वायु सेना के हेलीकॉप्टर बागडोगरा के साथ-साथ चाटेन से उड़ान भरने में असमर्थ रहे हैं। वहीं, टूटी सड़कों के कारण बचाव दल के आगे बढ़ने के लिए जंगू के माध्यम से चुंगथांग तक एक वैकल्पिक मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारियों ने आगे बताया कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालने और चुंगथांग इलाके में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तीस्ता ऊर्जा ने भी एक हेलिकॉप्टर प्रदान किया है। फिलहाल आईटीबीपी की टीम इलाके में पहुंच कर चुंगथांग में राहत व बचाव कार्य कर रही है। वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि अगले पांच दिनों में मंगन जिले के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, लाचेन और लाचुंग में अगले पांच दिनों तक बादल छाए रहने का भी सम्भावना है।
जानकारी के अनुसार, एनडीआरएफ की टीमें राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर सिंगताम, बरदांग और रंगपो जैसे इलाकों में बचाव अभियान में व्यस्त हैं। हालांकि, बचाव दल चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग के ऊपरी इलाकों तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ राज्य एजेंसियों की छोटी टीमें मंगन से चुंगथांग तक ट्रैकिंग कर नुकसान का पता लगा रही हैं। वहीं, मंगन से इंडिया रिजर्व बटालियन के जवानों एवं अन्य बचाव टीमें भी आज चुंगथांग जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण चुंगथांग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। चुंगथांग पहुंच चुकी बचाव टीमों ने बताया है कि आपदा से चुंगथांग शहर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इस आपदा में अब तक सेना के आठ जवानों सहित 27 लोग मारे गए हैं और 141 लोग लापता हैं।
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