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कृषि व बागवानी मंत्री गुरुंग ने किसानों को वितरित किए ऋण

पाकिम : सिक्किम राज्य स्थापना दिवस की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर जिला बागवानी एवं कृषि विभाग द्वारा आज राज्य के बैंकों के सहयोग से माझीटार में “सुनहरे समृद्ध और समर्थ सिक्किम : विकास” थीम के तहत एक ऋण आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य ऋण संबंधों एवं कृषि विकास को बढ़ावा देने के साथ ही जिले में किसानों की प्रगति पर चर्चा और विभिन्न हितधारकों को सुविधा प्रदान करना था।

कार्यक्रम के दौरान, राज्य के कृषि, बागवानी एवं पशुपालन मंत्री पूरन गुरुंग ने जैविक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कृषि क्षेत्र में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। साथ ही, उन्होंने इस पहल के तहत स्वीकृत ऋण के हिस्से के रूप में 60 किसानों को चेक वितरित करने की घोषणा की और किसानों को प्रगतिशील प्रथाएं अपनाने और विभाग द्वारा प्रदान की गई योजनाओं का अधिकतम उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसान मोर्चा अध्यक्ष के नियंत्रित बाजार की मांग पूरी करने का आश्वासन भी दिया। इसके अलावा, मंत्री ने अधिकारियों को लगन से काम करने तथा भविष्य के विकास के लिए शिक्षा को एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।

इसी तरह, बागवानी विभाग के प्रधान निदेशक सुमन शर्मा ने भी सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों से चल रहे कृषि कार्यक्रमों और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए लगन और प्रभावी ढंग से काम करने का आग्रह किया। कृषि व बागवानी विभाग के मिशन निदेशक बीएल दहल ने भी किसानों को उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करने और जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादित वस्तुओं के उपभोग के महत्व और सिक्किम में स्थायी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने में जैविक खेती की भूमिका पर जोर दिया।

कार्यक्रम में 60 किसानों को विकास के माध्यम से ऋण कार्यक्रम के तहत स्वीकृत कुल 1.45 करोड़ रुपए का ऋण के चेक वितरित किये गये। इससे पहले, अपने उद्घाटन भाषण में कृषि व बागवानी विभाग के अतिरिक्त निदेशक छिरिंग चोफेल भूटिया ने जिले में की गई विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा की, जिसमें खेती के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए सब्जी, फल, फूलों की खेती और अन्य कृषि समूहों के विकास पर प्रकाश डाला।

वहीं, भूटिया ने विभिन्न गतिविधियों के लिए ऋण प्राप्त करने वाले किसानों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें समय पर ऋण चुकौती और उचित उपयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने किसानों को अपनी फसलों और आजीविका की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम में अतिरिक्त एएचएंडवीएस निदेशक डॉ नूतन सुब्बा ने पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाओं और उद्यमिता विकास कार्यक्रमों से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ऋण प्राप्त करने में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को भी संबोधित किया और उनकी सहायता के लिए विभाग द्वारा चल रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के सीए उगेन लेप्चा ने भी किसान कल्याण के उद्देश्य से विभिन्न विकास योजनाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया और युवा पीढ़ी को खेती में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम को बैंक सलाहकार प्रदीप भंडारी, किसान मोर्चा अध्यक्ष पदम शर्मा और एसएलबीसी प्रबंधक ने भी संबोधित किया। एसएलबीसी प्रबंधक ने किसानों को केसीसी ऋण के लिए आवेदन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

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