गंगटोक : भारतीय पर्वतारोहण के लिए एक नई ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (एनआईएमएएस) की एक टीम ने विगत 18 मई को दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे और भारत के सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंगा (8586 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। ‘हर शिखर तिरंगा’ अभियान के तहत प्रसिद्ध पर्वतारोही कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में इस अभियान दल ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
गौरतलब है कि रोमांच के जरिए एकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना का जश्न मनाने के लिए संकल्पित इस मिशन ने अब सिक्किम राज्य के सबसे ऊंचे शिखर कंचनजंगा पर चढ़ाई के साथ अपना अंतिम मील का पत्थर हासिल कर लिया है।
सेना की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि एनआईएमएएस टीम इस सीजन में माउंट कंचनजंगा पर शत-प्रतिशत सफलता दर हासिल करने वाला एकमात्र भारतीय अभियान है, जो टीम की कठोर तैयारी, अनुशासन और अदम्य भावना का प्रमाण है। चरम स्थितियों और उच्च घर्षण से चिह्नित एक सीजऩ में, दल के प्रत्येक पर्वतारोही ने शिखर पर पहुंचने का प्रयास किया।
वहीं, कर्नल जामवाल ने कहा, यह सिर्फ़ एक अभियान नहीं था। यह भारत के हर कोने के लिए एक श्रद्धांजलि थी। पूर्वोत्तर के घने जंगलों से लेकर कंचनजंगा की बर्फीली शिखर तक, हमारा तिरंगा अब हर राज्य के सबसे ऊँचे बिंदु पर उड़ रहा है। मुझे टीम पर गर्व है और एक ऐसे मिशन का नेतृत्व करने का सम्मान है जो हमारे महान राष्ट्र की एकता और विविधता को दर्शाता है।
कंचनजंगा अभियान का सिबलैक ने किया विरोध
सिक्किम भूटिया लेप्चा एपेक्स समिति (सिबलैक) ने हाल ही में संपन्न कंचनजंगा पर्वत अभियान के खिलाफ कानूनी समर्थन मांगा है। सिबलैक के सलाहकार एसडी छिरिंग लेप्चा ने मीडिया से बात करते हुए हाल ही में संपन्न कंचनजंगा पर्वत अभियान पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार के पूजा स्थल अधिनियम 1991 और सिक्किम सरकार के अभियान प्रतिबंध अधिनियम, 2001 का स्पष्ट उल्लंघन है और सिक्किम में राजशाही के समय भी इस पर प्रतिबंध था। जब हमें पता चला कि अभियान होने वाला है तो हमने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर इस अभियान को रोकने के लिए कहा, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला और अभियान सिक्किम के योक्सुम की तरफ से हुआ। यह हमारी आस्था पर स्पष्ट हमला है और हमारी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है क्योंकि कंचनजंगा पर्वत हमारे संरक्षक देवता हैं, खासकर सिक्किम के लोगों के लिए।
लेप्चा ने कहा कि हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे देश के कानून को ध्यान में रखे और आने वाले दिनों में किसी भी तरह के अभियान पर रोक लगाए। साथ ही हम सिक्किम सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि वह सिक्किम के मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करे। अगर हमारे अनुरोध के बावजूद भविष्य में कोई अभियान चलाया जाता है तो हम कानूनी कार्रवाई करने और विरोध करने के लिए बाध्य होंगे।
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