गंगटोक : मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा कानून 2017 की धारा 45 और सिक्किम राज्य मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2024 के अंतर्गत गठित सिक्किम राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की एक बैठक मंगलवार को स्थानीय स्वास्थ्य सभागार में आयोजित हुई। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव सह प्राधिकरण अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एसटीएनएम अस्पताल, सीआरएच, एचएंडएफडब्ल्यूडी, कानून विभाग, समाज कल्याण विभाग के सदस्य, एनजीओ प्रतिनिधि एवं अन्य उपस्थित थे।
प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ संगीता प्रधान के स्वागत भाषण के साथ शुरू हुई बैठक में प्राधिकरण की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान, सीईओ ने एसएमएचए के विभिन्न कार्यों की जानकारी दी, जिनमें सभी मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों के पंजीकरण, इन प्रतिष्ठानों के लिए गुणवत्ता व सेवा प्रावधान मानदंड, राज्य में सभी मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों की निगरानी और अन्य शामिल रहे।
सीईओ ने बताया कि वर्तमान में एसएमएचए के साथ तीन मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं। इसके अलावा, अब प्रिंट एवं सोशल मीडिया में विज्ञापन देकर राज्य के सभी मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों, जिनमें नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्र शामिल हैं, से एमएचसीए 2017 की धारा 65 के अनुपालन में प्राधिकरण में पंजीकरण कराने का अनुरोध किया जाएगा।
इसके बाद, एसटीएनएम अस्पताल के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ सोनम ओ लासोपा ने एसएमएचए के कार्य के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में विकसित मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों की विभिन्न श्रेणियों के न्यूनतम मानक मसौदे पर प्रस्तुति दी। वहीं, समिति सदस्यों ने इसके लिए अपने सुझाव और टिप्पणियां पेश कीं। यह भी निर्णय लिया गया कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री प्रकोष्ठ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रतिनिधित्व एसएमएचए के समग्र कामकाज में शामिल होगा।
बैठक में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व तथा बिना किसी कलंक और शर्मिंदगी के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बातचीत को सामान्य बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित सदस्यों को अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए सक्रियता से स्वयं की देखभाल करने, दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के प्रति सचेत रहने तथा सहायता एवं समर्थन आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे ‘न्यूनतम मानकों के मसौदे’ पर आगे की टिप्पणियां एवं सुझाव प्रदान करें, जिसके पश्चात इसकी अधिसूचना के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, बैठक के दौरान चर्चा में सचिव ने जिला मजिस्ट्रेटों, सामाजिक स्वास्थ्य अधिकारियों तथा मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया।
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