गंगटोक । सिक्किम की सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा कल अपना 12वां स्थापना दिवस मनाये जाने से पूर्व पार्टी ने इसे राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तिथि बताते हुए इसे 25 सालों तक राज्य की बागडोर अपने हाथों में रखने वाली एसडीएफ सरकार को उखाड़ फेंकने की शुरुआत बताया है।
एसकेएम के तादोंग डांड़ा गांव के नेता संजीव तमांग ने आज कहा कि सिक्किम की राजनीति में 4 फरवरी, 2013 का दिन खास महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन तिनतेक में एसडीएफ सरकार के खिलाफ उसी पार्टी के विधायक पीएस गोले अप्रत्यक्ष रूप से राज्य में राज्य में एक नए विकल्प की तलाश के विचार के साथ क्रांति के मैदान में उतरे थे। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी की स्थापना 4 फरवरी 2013 को सोरेंग स्पोर्ट्स ग्राउंड में राज्य के हजारों परिवर्तन-प्रेमी लोगों के बीच की गई थी। उस समय, एसकेएम पार्टी के गठन से सोरेंग जिले और गेजिंग जिले में एक बड़ा हलचल आया, जिसे सिक्किम की राजनीति का मुख्य केंद्र माना जाता है।
तमांग ने आगे कहा, तत्कालीन मुख्यमंत्री पवन चामलिंग अपने हर भाषण में कहते थे कि सिक्किम में उनका और एसडीएफ पार्टी का कोई विकल्प नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे राज्य की जनता उनके विकल्प के तौर पर पीएस गोले और एसकेएम पार्टी को देखने लगी थी। उनके अनुसार, 4 फरवरी 2013 के बाद एसकेएम पार्टी और पीएस गोले सहित उनके क्रांतिकारी साथी धीरे-धीरे सिक्किमी जनता के बीच व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ आगे बढ़े, जिसके परिणामस्वरूप एसकेएम पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 10 और 2019 में 17 सीटें जीतीं और राज्य में सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली।
उन्होंने कहा, 4 फरवरी 2013 से पहले अस्तित्व में नहीं रहने वाली सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने 25 साल तक शासन करने वाली एसडीएफ पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया और यही वजह है कि यह दिन सिक्किम की राजनीति में एसकेएम पार्टी के लिए एक खास दिन है।
तमांग ने कहा, हालांकि, 2009 के विधानसभा चुनाव में सभी 32 सीटें जीतने वाली एसडीएफ सरकार के खिलाफ विधायक पीएस गोले का अपनी ही सरकार और उसके मुखिया का विरोध करना आसान नहीं था। लेकिन अगर उस समय विधायक गोले ने सिक्किमी जनता के पक्ष में एसकेएम पार्टी का गठन नहीं किया होता तो शायद आज भी सिक्किम में नई व्यवस्था कायम नहीं होती।
उन्होंने कहा, 4 फरवरी, 2013 के दिन सोरेंग के ठंडे मौसम में भी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के गठन से राजनीतिक तापमान काफी बढ़ गया था और नई सुबह देर-सबेर सिक्किम में नई व्यवस्था स्थापित होने के संकेत दे रहे थी। इस दिन सोरेंग स्पोर्ट्स ग्राउंड में एसकेएम पार्टी के गठन से पहले और बाद में मौजूद भीड़ जिस उत्सुकता के साथ पार्टी के झंडे, पोस्टर और किताबें अपने घरों में ले गई, वह सिक्किम में जल्द ही सत्ता परिवर्तन का संकेत था। उनके अनुसार, उस समय लोगों ने महसूस किया कि एसकेएम पार्टी का गठन एसडीएफ सरकार के खिलाफ एक नए विकल्प के रूप में किया गया है। शायद राजनीति में समय की मांग के अनुरूप ही विकल्प तैयार किये जाते हैं।
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