गंगटोक, 16 अक्टूबर । प्रदेश के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) ने विकास निर्माण, पूर्वाधार विकास, कल्याणकारी योजना, राहत और बचाव के क्षेत्र में एसडीएफ और एसकेएम सरकार की तुलना करते हुए 15 अक्टूबर को जो बयान दिया है उसे एसडीएफ पार्टी स्वीकार करती है। यह बात यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर Sikkim Democratic Front (SDF) के प्रचार मामले के उपाध्यक्ष कृष्णा खरेल ने कही।
उन्होंने कहा कि राज्य में एसडीएफ को जनता ने लगातार पांच बार सिक्किम की जनता की सेवा करने का अवसर दिया। जब एसडीएफ पार्टी ने सरकार संभाली तो राज्य के खजाने में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे और उन्हें बैंकों से कर्ज लेना पड़ा। लेकिन जब एसकेएम को सत्ता हस्तांतरित की गई तो 9000 करोड़ का सरप्लस बजट हस्तांतरित किया गया था।
उन्होंने कहा कि एसडीएफ ने 25 वर्षों तक जनता की सेवा करते हुए कुल 61 हजार करोड़ के बजट की सरकार चलाई है। सभी प्रकार के भौतिक बुनियादी ढांचे का निर्माण, गरीबी उन्मूलन, पूर्ण साक्षर राज्य, पर्यटन विकास, जैविक खेती, जन कल्याण योजनाएं, सामाजिक सेवा भत्ते आदि सहित अनगिनत योजनाओं और नीतियों को देखा जा सकता है जिससे सिक्किम में व्यापक परिवर्तन हुए।
कृष्णा खरेल ने कहा कि लेकिन एसकेएम पार्टी इस चार साल में 52 हजार करोड़ का बजट पारित कर चुकी है। 20,000 करोड़ का ऋण और 15,000 करोड़ का राहत पैकेज और 35,000 करोड़ का रखरखाव पैकेज पहले ही आ चुका है। अब खबर है कि बाढ़ के लिए भी 44 करोड़ रुपये का पैकेज मिला है। इन चार वर्षों के भीतर एसकेएम सरकार को कुल 146 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा द्वारा अनुमोदित श्वेत पत्र इस बात पर प्रकाश डालता है कि एसडीएफ सरकार ने भूकंप पीड़ितों के बचाव और सेवा के लिए एक अलग मद के तहत धन इकट्ठा करके पारदर्शी तरीके से काम किया है। इससे स्पष्ट है कि उस समय भूकंप पीड़ितों को कितनी राहत बांटी गई, कितनी और कितनी सब्सिडी दी गई और रेड आरएच योजना के तहत 7 हजार से अधिक भूकंप प्रभावित घरों का निर्माण किया गया। एसकेएम सरकार ने अभी तक कोरोना काल की राहत राशि का हिसाब नहीं दिया है। मुख्यमंत्री जैसे गरिमामय पद पर बैठकर झूठ और अफवाह फैलाकर मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन किया है।
एसडीएफ नेता ने कहा कि अगर हम एसकेएम सरकार को 4 वर्षों में प्राप्त धन की तुलना करें, तो एसडीएफ पार्टी द्वारा खर्च की गई राशि एसडीएफ के 50 वर्षों के बराबर होगी। एसडीएफ को 25 साल में जितना पैसा मिला, उससे दोगुना पैसा एसकेएम पार्टी को चार साल में मिला है। इतना पैसा पाकर भी एसकेएम पार्टी बुनियादी ढांचे के विकास, जनकल्याण के क्षेत्र में विकास के लिए एसडीएफ सरकार द्वारा किये गये काम का एक प्रतिशत भी काम नहीं कर पायी है। उन्होंने सवाल किया कि क्या आपने कोई नई योजना लागू की है। क्या प्रति व्यक्ति आय बढ़ सका है। क्या नौकरी के अवसर खुले हैं। क्या वह बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सकते हैं जिसका उन्होंने चुनाव में दावा किया था। क्या सड़क नेटवर्क का आधुनिकीकरण किया गया है। क्या कोरोना पीड़ितों और बाढ़ पीड़ितों के लिए उचित राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जा सकी है। मुख्यमंत्री को सिक्किम के लोगों को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और लेकिन वे केवल दूसरों को दोषी ठहराने में व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा कि सिक्किम में प्राकृतिक आपदा के 12 दिन बाद भी नुकसान का सही और पूरा आकलन नहीं हो सका है। इससे साबित होता है कि सरकारी तंत्र पीड़ित लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। प्राकृतिक आपदा के मुख्य कारण पर कोई अध्ययन नहीं हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री राजनीतिक बयान देकर और पूर्व सरकार पर दोषारोपण करके अपना बचाव करने में जल्दबाजी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चामलिंग ने सरकार के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि ऐसी नौबत आने पर एसडीएफ पार्टी पूरी तरह से सरकार के साथ है, लेकिन वे 2011 के भूकंप का जिक्र कर राजनीतिक दुश्मनी दिखा रहे हैं। जब श्री चामलिंग ने बाढ़ प्रभावितों को राहत राशि देने की मांग की तो मुख्यमंत्री श्री गोले के अहंगार को ठेस पहुंच गई और वे 2011 के भूकंप का जिक्र करने लगे। इसलिए एसडीएफ पार्टी विनम्रतापूर्वक सुझाव देना चाहती है कि एसकेएम सरकार द्वारा 4 वर्षों में प्राप्त बजट और एसडीएफ सरकार द्वारा 25 वर्षों में प्राप्त बजट की तुलना की जानी चाहिए। #anugamini #SDF #SKM
No Comments: