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दो दिवसीय सिक्किम युवा सम्मेलन का हुआ शुभारम्भ

डॉ दिव्यकीर्ति ने छात्रों ‘ट्रिपल 8’ का दिया फार्मूला

गंगटोक, 16 अक्टूबर । Sikkim सरकार के सहयोग से वॉयस एनजीओ द्वारा आज स्थानीय मनन केंद्र में ‘क्रांतिकारी युवा मेधा’ थीम पर दो दिवसीय सिक्किम युवा सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। सूबे के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) एवं वॉयस की अनुशासन समिति सदस्य श्रीमती कृष्णा राई इस अवसर पर क्रमश: मुख्य अतिथि एवं सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सिक्किमी युवाओं को प्रेरित करने हेतु शुरू किये गए इस सम्मेलन में राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के 900 से अधिक छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया।

उद्घाटन कार्यक्रम में मंत्री केएन लेप्चा, एलएन शर्मा, लोकसभा सांसद इंद्र हांग सुब्बा, विधायक आदित्य गोले, सोनम छिरिंग वेनचुंगपा, वाईटी लेप्चा एवं श्रीमती फरवंती तमांग के साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार, डॉ. महेंद्र पी. लामा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव, प्रेस सचिव, जीएमसी के डिप्टी मेयर, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य अथितियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के माध्यम से आरम्भ हुए सम्मेलन में मुख्य वक्ता पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने राज्य में आई आपदा से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश में महिलाओं के लिए सबसे अच्छे कार्यस्थलों के रूप में उभर रहे सिक्किम में इस सम्मेलन में शामिल होकर उन्हें खुशी हो रही है। इस दौरान उन्होंने अपनी यात्रा की तुलना मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने से लेकर शिक्षण पेशे में लौटने तक की यात्रा से करते हुए कहा कि सिक्किम का नेतृत्व एक शिक्षक द्वारा किया जा रहा है जो अपने आप में अनुकरणीय है।

इसके साथ ही डॉ दिव्यकीर्ति ने छात्रों एवं आईएएस उम्मीदवारों के लिए ‘ट्रिपल 8’ फॉर्मूला देते हुए उन्हें अपने दिन को तीन महत्वपूर्ण खंडों में आवंटित करने हेतु प्रोत्साहित किया। इसमें 8 घंटे की नींद, 8 घंटे का गहन अध्ययन और शेष 8 घंटों का मनोरंजन एवं सामाजिक संपर्क शामिल है। उन्होंने छात्रों को हर समय केवल पढ़ाई में रहने से मना करते हुए उन्हें इसके बजाय अपने परिवेश के साथ जुड़ने एवं अच्छी समझ को बढ़ावा देने हेतु एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने को प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूपीएससी परीक्षा में महारत हासिल करने के लिए महज किताबी ज्ञान से कहीं ज्यादा और भी बहुत कुछ है। इसमें समाज, उसकी गतिशीलता और उसकी चुनौतियों को समझना महत्वपूर्ण है। ऐसे में उन्होंने विद्यार्थियों से एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने कुछ प्रश्न भी पूछे।

इस अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं केंद्रीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य और सिक्किम के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ महेंद्र पी लामा ने अपने संबोधन में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि वर्तमान में देश में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कमी है, जिनकी संख्या बढ़नी चाहिए। वहीं, शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सिक्किम विश्वविद्यालय में उन्होंने वैश्विक अध्ययन, शांति व संघर्ष, सतत विकास, जैव प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और कानून व शासन जैसे विभिन्न कार्यक्रम और शोध किए हैं। उन्होंने किसी व्यक्ति को आकार देने में शिक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए छात्रों को इसके महत्व के बारे में प्रोत्साहित किया।

सम्मेलन में आमंत्रित प्रतिष्ठित वक्ताओं में सिक्किम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की प्रोफेसर डॉ योदिता भूटिया भी शामिल थीं। इस दौरान, सभी वक्ताओं ने विचारों के जीवंत आदान-प्रदान, छात्र अनुसंधान और व्यापक क्रॉस-लर्निंग, नवाचार एवं सार्थक चर्चाओं को बढ़ावा देने हेतु चर्चा की। इस अवसर पर आयोजकों की ओर से सम्मेलन के लिए दिए गए समर्थन हेतु राज्य सरकार और मुख्यमंत्री तथा सम्मेलन संरक्षक प्रेम सिंह तमांग (गोले) को धन्यवाद दिया। वहीं, मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री गोले और विशिष्ट अतिथि द्वारा वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।#anugamini #sikkim

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