गंगटोक । 32 विधानसभा और एकमात्र लोकसभा सीटों वाले हिमालयी राज्य सिक्किम में कुल 4.66 लाख मतदाताओं में से 2.31 लाख महिलाएं हैं। लगभग आधी आबादी होने के बावजूद इस चुनावों में राज्य के चुनावी मैदान में कुल 146 उम्मीदवारों में से केवल 12 महिला उम्मीदवार ही हैं, जो पिछले चुनावों से भी कम हैं। पिछले राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यहां कुल 15 महिला उम्मीदवार थीं। राज्य में 19 अप्रैल को एक चरण में मतदान होना है।
गौरतलब है कि निवर्तमान सिक्किम विधानसभा में तीन महिला विधायक थीं। इनमें मल्ली से फरवंती तमांग, रांगांग यांगांग से राजकुमारी थापा और जूम-सालघरी से सुनीता गजमेर शामिल थीं। इस चुनाव में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने चार, सिटीजन एक्शन पार्टी सिक्किम ने भी चार, भाजपा एवं कांग्रेस ने दो-दो महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 2019 के चुनाव में एसकेएम ने तीन महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। एसकेएम द्वारा इस बार महिला उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की पत्नी कृष्ण कुमार राई नामची-सिंघीथांग से, हाल ही में भाजपा से आईं मौजूदा विधायक राजकुमारी थापा रांगांग-यांगांग से, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक डीआर थापा के खिलाफ कलावती राई अपर बुर्तुक से तथा पामिन लेप्चा नाथांग-माचोंग (बीएल) सीट से मैदान में हैं।
हालांकि, प्रमुख विपक्षी दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने इस बार के चुनाव में एक भी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। 2019 के चुनाव में एसडीएफ ने चार महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था और उनमें से दो विजयी हुईं थीं। पार्टी द्वारा एक भी महिला उम्मीदवार न उतारने के संबंध में टिप्पणी के लिए एसडीएफ के किसी भी प्रतिनिधि से संपर्क नहीं किया जा सका।
दूसरी ओर, सिक्किम के एकमात्र लोकसभा क्षेत्र में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें एक महिला वीणा राई निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। 1991-96 में दिल कुमारी भंडारी लोकसभा में सिक्किम का प्रतिनिधित्व करने वाली आखिरी महिला थीं।
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