 
                    नई दिल्ली, 20 सितम्बर (एजेन्सी)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस में हिस्सा लिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है। इस बिल को तुरंत ही लागू किया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि वे इस विधेयक के समर्थन में हैं, लेकिन ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण अधूरा रहेगा। यह एक बड़ा कदम है, लेकिन मेरे लिए यह अधूरा है, क्योंकि ओबीसी महिलाओं के एक बड़े हिस्से के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इस देश में केंद्र सरकार में 90 सचिव हैं और उनमें से सिर्फ तीन ही अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और यही पांच फीसदी लोग बजट को कंट्रोल करते हैं। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है।
राहुल ने कहा कि सवाल यह है कि इस देश में कितने ओबीसी, कितने दलित, कितने आदिवासी हैं… इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से मिल सकता है। महिला आरक्षण विधेयक को आज पारित कीजिए और लागू कीजिए। परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। सीधे 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दे दीजिए। आप जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए। अगर आपने जारी नहीं किए तो हम जारी कर डालेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
राहुल ने संसद भवन के बारे में कहा कि यह एक अच्छी इमारत है। इसकी दीवारों पर सुंदर मोर बने हैं, लेकिन मैं इस भवन में भारत के राष्ट्रपति को भी देखना पसंद करूंगा।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। इसमें से एक मुद्दा है जातिगत जनगणना। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा अन्य मुद्दों को लाकर अचानक ध्यान भटकाने की कोशिश करती है, ताकि ओबीसी समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने लगें।
 
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
         
         
         
        
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