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मुद्दे पर न तो झुकेंगे और न ही चुप रहेंगे : विजयन

तिरुवनंतपुरम, 14 मार्च । नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि यह कानून पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह पूरी तरह से मानवाधिकारों के खिलाफ और भारत के विचार के लिए चुनौती है। कांग्रेस पर भी तीखा हमला करते हुए पिनाराई विजयन ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी इस मामले पर पूरी तरह से चुप है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि सीएए धार्मिक भेदभाव को कानूनी वैधता दे रहा है, लेकिन कांग्रेस सीएए के खिलाफ संयुक्त मोर्चे से पीछे हट रही है। इसके अलावा, सीएम ने कहा कि कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीएए नियमों की हालिया अधिसूचना पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि सीएए मुद्दे पर न तो झुकेंगे और न ही चुप रहेंगे। सीएए दिसंबर 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। कई विपक्षी दलों ने कानून के खिलाफ बोलते हुए इसे भेदभावपूर्ण बताया। गौरतलब है कि बुधवार को नागरिक संशोधन अधिनियम(सीएए) के कार्यान्वयन के खिलाफ केरल में बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने बुधवार को अधिनियम के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का फैसला लिया था।

नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।

नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है। कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। (एजेन्सी)

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