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देश और धर्म के लिए हमें संगठित होकर काम करना होगा: शेखावत

जयपुर, 24 सितम्बर (एजेन्सी)। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज देश, धर्म और संस्कृति पर हर ओर से हमले हो रहे हैं। इसके लिए हमें जातियों से ऊपर उठकर संगठित होकर काम करना होगा। सभी समाजों को एक होकर सनातन संस्कृति पर हमला करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

शेखावत रविवार को हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समाज की ओर से आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सनातन संस्कृति पर हमला हो रहा है। हमें विघटित होने के बजाय संगठित होने की जरूरत है। जहां जहां हिदू कमजोर हुआ देश कमजोर हुआ। जहां जहां हिंदू संख्या में कम होता रहा, देश का विभाजन होता रहा। दो हजार साल पहले भारत का नक्शा सुदूर सेंट्रल एशिया तक था। वह सिमटते-सिमटते कहां तक आकर पहुंच गया। हिंदू के विघटित होने से देश को नुकसान है।

उन्होंने कहा, कंधों से चौड़ी छाती नहीं, धर्म से बड़ी जाति नहीं। इसलिए ब्राह्मण समाज को संपूर्ण हिंदू समाज के लिए काम करना है, तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खरगे ने सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी की है। ऐसे में सनातन धर्म की रक्षा के लिए छोटी अपेक्षाओं से ऊपर उठकर बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए संगठित होकर कार्य करने की जरूरत है।

शेखावत ने कहा कि भारत बदल रहा है। विश्व पटल पर देश की छवि बदल रही। देश को प्रथम मानते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी काम कर रहे हैं। सभी समाजों को आगे बढ़ाते हुए गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए काम हो रहा है। देश का प्रथम मानकर फैसले लिए जा रहे हैं। देश को विश्व के पटल पर सर्वशक्तिमान बनाने के फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में भारत और सनातन विरोधी ताकतें भारत के बाहर से और भारत के भीतर से संगठित होकर काम कर रही है। वे इस संपरिवर्तन के दौर में अवरोध कर रहे हैं। ऐसे में ब्राह्मण समाज की जिम्मेदार और अधिक है, क्योंकि समाज को दिशा दिखाने का काम ब्राह्मण समाज ने किया है।

शेखावत ने कहा कि सनातन अविरल प्रवाहमान है। इसे सतयुग से लेकर कलिकाल तक अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ब्राह्मण समाज का अतुलनीय योगदान रहा है। समाज के बंधु एकत्र हो तो सार्थक चर्चा होना अवश्यमंभावी है। समाज की प्रतिभाओं का इस पटल पर सम्मान प्रशंसनीय है।

शेखावत ने कहा कि मुझे बताया गया कि इस समाज का संपूर्ण ब्राह्मण समाज में दस फीसदी का योगदान है। ऐसे में उसके अनुरूप राजनीतिक सहभागिता मिलनी चाहिए। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया ऐसे कालखंड से गुजर रही है जहां समाज और परिवार की अवधारणा खंडित होती जा रही है। ऐसे में इन सामूहिक भोज का आयोजन सामाजिक भाव को पुष्ट करने की भूमिका का निर्वहन करता है।

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