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हम निपाह वायरस के स्रोत और क्षेत्र का पता लगा रहे : वीना जॉर्ज

नई दिल्ली, 16 सितम्बर (एजेन्सी)। केरल में निपाह वायरस के कारण हो रहे बुखार से लगातार लोग संक्रमित हो रहे हैं। वायरस से ग्रस्त मरीज सूचकांक मामले वाले व्यक्ति की पहचान के बाद, राज्य सरकार वायरस के स्रोत और स्थान का पता लगाने में जुटी है। मामले पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी है। वह छठे व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिसके शुक्रवार को इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, वायरस से ग्रसित कोई नया मामला नहीं आया है। राज्य के लिए राहत की बात है कि 94 सैंपल-उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची के व्यक्तियों के वायरस के लिए नेगेटिव आई हैं।
साथ ही, मंत्री ने कहा कि संक्रमित सभी लोग संक्रमण की पहली लहर का हिस्सा हैं, जो दो समूहों में सामने आई है – एक उस व्यक्ति के दो परिवार के सदस्य हैं जो सूचकांक मामला था और दूसरा वे व्यक्ति हैं जो उसके संपर्क में आए थे। जिस व्यक्ति की पहचान इंडेक्स केस के रूप में की गई है, उसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई थी।
वायरस के खिलाफ एकमात्र व्यवहार्य चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र के अनुसार यह 50-60 प्रतिशत स्थिर है । राज्य सरकार से एंटीबॉडी का एक नया संस्करण प्राप्त करने की संभावना तलाशने को कहा है। हालांकि, राज्य ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आयात करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्र के समर्थन का अनुरोध किया और इसका आश्वासन दिया गया।
केंद्र ने शुक्रवार को निपाह से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 नई खुराक खरीदने का फैसला लिया है।
केरल में खतरनाक निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 18 सितंबर से अगले आदेश तक कोझिकोड जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन कक्षा चलाने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को सभी शिक्षण संस्थानों को इस सूचना से अवगत करा दिया।
कोझिकोड की जिला कलेक्टर ए गीता ने इस बात आदेश जारी करते हुए कहा, नई व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि किसी विद्यार्थी की पढ़ाई न छूटे। इससे पहले प्रशासन ने 24 सितंबर तक शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया था। ताजा आदेश में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर सहित सभी शिक्षण संस्थान ऑनलाइन कक्षा चलाएं। छात्रों को किसी भी परिस्थिति में स्कूल जाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा आंगनबाड़ी और मदरसों के लिए यह आदेश लागू रहेगा। कलेक्टर ने कहा कि हालांकि इस दौरान सार्वजनिक परीक्षाएं बाधित नहीं होंगी।
पुणे में आईसीएमआर के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने जिले में वायरस के नमूनों का परीक्षण करने के लिए बीएसएल-3 (जैव सुरक्षा स्तर -3) प्रयोगशाला कोझिकोड भेजा गया था।
आपको बता दें कि यह चौथी बार है जब राज्य में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में इसका पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण से ग्रस्त है।

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