चेन्नई, 09 मार्च । नई तकनीक के उभरने से युद्ध एक बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। इसलिए हमारे सशस्त्र बलों ने अगली पीढ़ी के युद्ध लड़ने वाले हथियारों को खरीदने में भारी निवेश किया है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शनिवार को यह बात कही।
एयर चीफ मार्शल चौधरी चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में टुकड़ियों की पासिंग आउट परेड की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, भारत के सुरक्षा डायनेमिक्स में बहुआयामी खतरे और चुनौतियां शामिल हैं। इसलिए हमें बहुआयामी क्षमताओं का निर्माण करना होगा, ताकि हम कम समय में अभियानों को अंजाम दे सकें। उन्होंने युवा अधिकारियों से तकनीकी प्रगति के साथ जुड़े रहने का आग्रह किया।
उन्होंने आगे कहा, ये अधिकारी उस समय इस महान पेशे में शामिल हो रहे हैं, जब देश तकनीकी बदलाव की दहलीज पर है। एयर चीफ मार्शल ने कहा, हमारे सशस्त्र बलों ने अगली पीढ़ी की युद्ध लड़ने वाली मशीनों को खरीदने में भारी निवेश किया है। इन अत्याधुनिक शक्तिशाली प्रणालियों के भविष्य के ऑपरेटर के रूप में आपको उनसे पूरी तरह से परिचित होने की जरूरत है। इसे केवल कठिन प्रशिक्षण, समर्पण और पेशेवर नजरिए से ही हासिल किया जा सकता है।
चौधरी ने आगे कहा, भविष्य के अधिकारियों को सैन्य इतिहास, भू-राजनीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों का अध्ययन करते हुए बदलती हुई दुनिया की समझ विकसित करनी चाहिए। फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र अधिकारियों से पेशेवर आचरण और नैतिक मूल्यों के उच्च मानकों को बनाए रखने की उम्मीद करता है। वायु सेना प्रमुख ने उनसे आग्रह किया कि वे काम करते समय निष्पक्ष, सुसंगत और निस्वार्थ रहें और अपने अधीनस्थों के साथ दयालुता और समझदारी व्यवहार करें।
यहां ओटीए में अपने कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद 184 अधिकारी कैडेट और 36 महिला कैडेट को भारतीय सेना की विभिन्न सेवाओं में कमीशन किया गया। इसके अलावा, मित्र देशों के तीन अधिकारी कैडेट औऱ छह महिला कैडेट ने भी अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्व पूरा किया और राष्ट्र की सीमाओं से परे सहयोग को बढ़ावा दिया।
आतंकवाद रोधी अभियान मे अपने पिता मेजर नवनीज वत्स को खोने वाली लेफ्टिनेंट इनायत वत्स को आज सेना में शामिल किया गया। भारतीय सेना ने बताया कि उन्होंने आज वही वर्दी पहनी जो कभी उनके पिता पहना करते थे।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने स्वर्गीय स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह की पत्नी अधिकारी कैडेट यशविनी ढाका से मुलाकात की। स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप का दिसंबर 2021 में निधन हो गया था जब एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। (एजेन्सी)
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