 
                    छत्रपति संभाजीनगर, 30 अक्टूबर (एजेन्सी)। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। आंदोलन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यदि राज्य सरकार मांगे पूरी नहीं करती हैं तो अनशन तेज किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरक्षण आंदोलन का तीसरा चरण शुरू किया गया तो राज्य सरकार बैठकें नहीं कर पाएगी। जरांगे ने कहा, हम महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल के साथ बातचीत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, राज्य में सभी मराठों को आरक्षण दिया जाना चाहिए, न कि केवल विशेष क्षेत्रों में रहने वाले समुदाय के सदस्यों को। हम अधूरे तरीके का आरक्षण स्वीकार नहीं करेंगे। यदि ऐसा किया जाता है तो आंदोलन नहीं रुकेगा।
लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर आरक्षण की मांग नहीं मानी गई तो पूरे देश से मराठा आंदोलन में शामिल होंगे। आंदोलनकारी आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य सरकार के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं। जरांगे ने कहा, सरकार को सभी जिला कलेक्टरों की एक बैठक बुलानी चाहिए। सरकार यहां आ सकती है और हमसे बात कर सकती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जरांगे ने कहा, आंदोलन शांतिपूर्ण है और सही दिशा में चल रहा है। मुख्यमंत्री को उन लोगों पर नियंत्रण रखना चाहिए, जो बहुत ज्यादा बोल रहे हैं। मुझे लगता है कि ये लोग कानून व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं करना चाहते। गौरतलब है उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के समर्थक सोलंके के घर पर बीड जिले के माजलगांव शहर में आरक्षण आंदोलनकारियों की भीड़ ने आग लगा दी और पथराव किया।
बता दें राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए आवश्यक निजाम-युग के दस्तावेजों, वंशावली, शैक्षिक और राजस्व साक्ष्य, उस अवधि के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों और अन्य संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
 
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
 
         
         
         
         
        
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