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PM Modi के कार्यकाल में पूर्वोत्तर की हिंसक घटनाएं 73 प्रतिशत घटीं: Amit Shah

शिलॉन्ग । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर भारत में हिंसा की घटनाओं में 73 फीसदी की कमी आई है। पूर्वोत्तर परिषद के 71वें पूर्ण सत्र में गृह मंत्री शाह ने कहा, 2004 से 2014 के दौरान 11 हजार से अधिक हिंसा की घटनाएं रिपोर्ट की गईं। उन्होंने कहा कि 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद हिंसक घटनाओं में 73 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने शिलांग में उत्तर पूर्वी परिषद के 71वें पूर्ण सत्र में दावा किया कि 2014 से 2023 के बीच 3114 हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज की गई।


शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में 2004 से 2014 के दौरान 11,121 हिंसक घटनाएं हुईं। सुरक्षाबलों की मौतें 71 प्रतिशत घटकर 458 से 132 हो गईं। आम नागरिकों की मौत के मामलों में 86 प्रतिशत गिरावट आई। उग्रवाद की घटनाएं भी उल्लेखनीय रूप से कम हुई हैं। पिछले पांच वर्षों में उग्रवादी गुटों के 8,900 से अधिक सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया है। उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) की अहमियत को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा स्थापना के 50 वर्षों में एनईसी ने सभी राज्यों को नीति-संबंधी मंच मुहैया कराने का काम किया है। समस्याओं का समाधान बेहद सरल हुआ है।

गृह मंत्री शाह के मुताबिक, एनईसी गठन के बाद पिछले पांच दशकों में पूर्वोत्तर भारत में 12,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ है। 700 मेगावाट के बिजली संयंत्र स्थापित किए गए हैं।शाह ने कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री मोदी एनईसी के पूर्ण सत्र में आए थे। ये घटना इसलिए खास है क्योंकि 40 साल बाद देश का प्रधानमंत्री इस काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता कर रहा था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पिछले 10 वर्षों में 50 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया। इससे सरकार की प्राथमिकताएं को पूरे देश के सामने स्पष्ट हो गईं।

शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता लाने के लिए मोदी सरकार ने बीते 10 साल में कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में नौ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। कानून-व्यवस्था से संबंधित कई लंबित मुद्दों को सफलतापूर्वक हल किया जा चुका है। असम और मणिपुर के कुछ हिस्सों को छोड़कर 2018 में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) के दायरे में आने वाले 75 प्रतिशत क्षेत्रों को मुक्त किया जा चुका है। बकौल अमित शाह, आजादी के बाद के 75 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल पूर्वोत्तर के विकास के नजरिए से सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं।

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