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भारत का दूसरा अंतरग्रहीय मिशन होगा शुक्र मिशन : एस सोमनाथ

नई दिल्ली (एजेन्सी) । हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट से भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन को स्वीकृति मिली है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि गगनयान साल के अंत तक लॉन्च के लिए तैयार है, लेकिन हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने आगे कहा, कि मैं नहीं चाहता कि बोइंग स्टारलाइनर के साथ जो हुआ, वह हो, इसलिए हमें बहुत सावधान रहना चाहिए।

बता दें कि नासा की तरफ से 5 जून को अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च किए गए बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली परीक्षण उड़ान 7 सितंबर को पृथ्वी पर बिना अंतरिक्ष यात्रियों के लौट आई। विषम परिस्थितियों के कारण, अंतरिक्ष यात्री – सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर – को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष में अपने आठ दिन की यात्रा को आठ महीने तक बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब वे फरवरी 2025 में स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन की मदद से वापस धरती पर लौटेंगे।

वहीं इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने शुक्र ग्रह की खोज के महत्व पर भी जोर दिया। बता दें कि वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) भी केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से अनुमोदित चार परियोजनाओं में से एक है और इसे 1,236 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा, कल पृथ्वी कुछ कारणों से रहने लायक नहीं रह जाएगी। इसलिए यदि आप मंगल और शुक्र में क्या हो रहा है, इसका अध्ययन नहीं करते हैं, तो संभवतः हमारी भावी पीढ़ी प्रभावित होगी। शुक्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत मंगल और चंद्रमा पर सफलतापूर्वक जा चुका है।

इसरो प्रमुख ने कहा कि चूंकि अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) को विकसित करने में सात साल लगेंगे, इसरो की तरफ से वर्तमान में संचालित प्रणालियों को बदलने के लिए बनाए जा रहे प्रक्षेपण यान, चूंकि शुक्र मिशन मार्च 2028 में लॉन्च होने की उम्मीद है, इसलिए इसे मौजूदा यानों से ही लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, रूस, चीन और जापान भी 2030 तक शुक्र पर मिशन भेज रहे हैं। इसलिए, 2028 तक, हमने लॉन्च यान मार्क-3 या एलवीएम3 से अपना शुक्र मिशन लॉन्च करने का फैसला किया है। उनके अनुसार, हालांकि शुक्र हमारा निकटतम ग्रह है, लेकिन यह अधिक चुनौतीपूर्ण है। हालांकि हम पहले मंगल पर गए थे, जो थोड़ा दूर है, शुक्र करीब है, लेकिन यह मंगल से अधिक चुनौतीपूर्ण है।

सोमनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया, क्योंकि शुक्र के वायुमंडल में पृथ्वी के मुकाबले 100 गुना अधिक दबाव है। शुक्र मिशन भारत का दूसरा अंतरग्रहीय मिशन होगा, इससे पहले मंगल ऑर्बिटर मिशन 5 नवंबर, 2013 को लॉन्च किया गया था और 24 सितंबर, 2014 को मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था। सोमनाथ ने स्पेस एक्सपो की बढ़ती लोकप्रियता और अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने के लिए स्टार्टअप्स की तरफ से दिखाई जा रही रुचि पर भी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, जब मैंने आज कुछ स्टॉल देखे, तो मैं उद्योगों की तरफ से किए गए काम से वास्तव में प्रभावित हुआ। बदलाव पहले ही हो चुका है। आज, हम कई स्टार्टअप्स को अपने स्वयं के उपग्रह बनाते हुए देख सकते हैं। यह वह बदलाव है जो हम देख रहे हैं।

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