हुमायूं कबीर और बीजेपी में कोई फर्क नहीं : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने जन उन्नयन पार्टी के प्रमुख हुमायूं कबीर पर तीखा हमला बोला है। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कबीर के अतीत और उनके द्वारा हाल ही में मस्जिद निर्माण की घोषणा को लेकर उन पर निशाना साधा।

टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने निशाना साधते हुए कहा कि कबीर ने पहले उसी भारतीय जनता पार्टी को जॉइन किया था, जिसने बाबरी मस्जिद को गिराया था। बनर्जी ने कहा कि मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर राजनीति करने में हुमायूं कबीर और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है। गौरतलब है कि हुमायूं कबीर ने इस महीने की शुरुआत में मुर्शिदाबाद में बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।

शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘यह (बाबरी मस्जिद) कहां बन रही है? मुझे कोई निर्माण शुरू होता नहीं दिख रहा है। अगर वे मंदिर और मस्जिद के मुद्दे पर राजनीति करना चाहते हैं, तो उनमें और भाजपा में क्या फर्क है? भाजपा ने मंदिर बनाने पर राजनीति की, और वे मस्जिद बनाने पर राजनीति कर रहे हैं।’

बनर्जी ने याद दिलाया कि हुमायूं कबीर पूर्व में भाजपा के उम्मीदवार रह चुके हैं। उन्होंने कहा, “बाबरी मस्जिद की घटना 1992 में हुई थी, लेकिन कबीर को यह बात 27 साल तक समझ नहीं आई और वे उसी भाजपा में शामिल हो गए, जिसने मस्जिद गिराई थी।” बनर्जी ने आगे कहा कि हालांकि सभी को धार्मिक स्थल बनाने का अधिकार है, लेकिन उन्हें इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए। अपने बयान में बनर्जी ने कहा, सभी को धार्मिक स्थल बनाने का अधिकार है, लेकिन उन्हें इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए। अगर आप राजनीति में हैं, तो इसके बजाय अस्पताल और स्कूल बनाएं।

अभिषेक बनर्जी ने भारत निर्वाचन आयोग की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने विशेष गहन संशोधन अभियान को बंगाल को ‘परेशान’ करने वाला बताते हुए चुनाव आयोग को ‘व्हाट्सएप कमीशन’ करार दिया। अभिषेक बनर्जी ने मांग करते हुए कहा कि संवैधानिक निकाय को पश्चिम बंगाल के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने एसआईआर अभ्यास के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों की कथित मौतों पर भी प्रकाश डाला।

अभिषेक बनर्जी ने कहा, एसआईआर के दौरान 45 लोगों की जान चली गई और छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 29 BLOs (बूथ लेवल ऑफिसर) ने आत्महत्या की कोशिश की। हमने चुनाव आयोग से पांच बेसिक सवाल पूछे। लेकिन हमें ईसी से एक भी जवाब नहीं मिला। ईसी ने मीडिया से कहा कि उन्होंने जवाब दे दिए हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। 2021 के चुनावों में टीएमसी ने 215 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा 77 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनी थी।

वहीं उत्तराखंड में त्रिपुरा के एक छात्र की मौत पर बनर्जी ने कहा, हम सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए, लेकिन न तो त्रिपुरा के सीएम और न ही उत्तराखंड के सीएम ने इस पर बयान दिया है। दोनों राज्यों में डबल-इंजन सरकारें हैं। यह दिखाता है कि भाजपा किस तरह की राजनीति करती है।

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