नई दिल्ली । राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक-एक कर कई सारे मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने चुनाव सुधार से लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप तक सभी मामलों में केंद्र सरकार का रुख साफ किया। नड्डा ने ‘वोट चोरी और ईवीएम’ में गड़बड़ी जैसे आरोप को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा और कांग्रेस पर देश को चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक चुनाव आयोग का काम एक परिवार द्वारा नियंत्रित पार्टी के जिम्मे रहा, लेकिन उस पर कभी सवाल नहीं उठाए गए।
नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सवाल पूछते हैं कि यह एसआईआर क्यों?, जबकि यह प्रक्रिया नई नहीं है और लोकसभा में 1952 से चली आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार महीनों में ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई जैसे चुनाव में धांधली हो रही हो।
जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा से कभी पीछे नहीं हटती। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था में पूरा विश्वास रखती है और हर विषय पर खुले मन से चर्चा के लिए तैयार रहती है।
इस दौरान जेपी नड्डा ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उठ रहे सवालों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संविधान ने चुनाव आयोग को यह अधिकार दिया है कि वह समय-समय पर मतदाता सूची की जांच और सत्यापन कर सके। यह प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक और जरूरी है।
इस दौरान जेपी नेड्डा ने चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि कोई भी योग्य नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न हो और साथ ही कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न रहे। इसी संतुलन को बनाए रखने के लिए एसआईआर जैसी प्रक्रिया की जाती है।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि साल 2010 के बाद से मतदाता सूची से किसी का नाम नहीं हटाया गया है, इसलिए अब इसका पुनरीक्षण और भी ज्यादा जरूरी हो गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करेगा।
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