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सरकार ने खारिज किए अपतटीय खनन से मछुआरों के प्रभावित होने के आरोप, कहा- अभी काम शुरू ही नहीं हुआ

नई दिल्ली (ईएमएस)। केरल और अंडमान निकोबार में अपतटीय खनन की मंजूरी के बाद विपक्ष की ओर से लगाए गए मछुआरों के प्रभावित होने के आरोपों को सरकार ने खारिज किया है। लोकसभा में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि अभी काम ही शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में मछुआरों के प्रभावित होने के आरोप पूरी तरह से गलत साबित होते हैं।

मछुआरा समुदाय की कठिनाइयों पर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि 13 अपतटीय ब्लॉकों में से केवल तीन केरल में हैं और वह भी 12 समुद्री मील से आगे हैं, जो विशेष आर्थिक क्षेत्रों के अंतर्गत आता है। जब खनन अभी तक शुरू नहीं हुआ है, तो आप कैसे कह रहे हैं कि इसका मछुआरों पर असर पड़ रहा है। सरकार ने मछुआरों के कल्याण के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर अपतटीय खनन को लेकर कानून बनाने का आरोप लगाया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) जैसी योजनाएं देश के मछुआरों की मदद कर रही हैं। सरकार ने केरल में मछली पकड़ने के बंदरगाहों का विस्तार किया है और एफआईडीएफ के तहत बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा दिया है। नई नावों और मछली पकड़ने के जाल के लिए धन मुहैया कराया गया है।

उन्होंने कहा कि अब देश में मछली उत्पादन 2013-14 के 95.7 लाख टन से बढ़कर 184.02 लाख टन हो गया है। निर्यात भी 2013-14 के 30,212 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2023-24 में 60,523 करोड़ रुपये हो गया है। देश के जीवीए (सकल मूल्य वर्धित) में मछली पालन क्षेत्र की हिस्सेदारी 2014-15 में 0.84 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 1.12 प्रतिशत हो गई है।

तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने को लेकर राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह मुद्दा उठाया है। इसके लिए एक संयुक्त कार्य समूह भी है और इसने अब तक छह बैठकें की हैं।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मछुआरा समुदाय काफी कठिनाइयों का सामना कर रहा है। 2018 में केरल बाढ़ के दौरान मछुआरा समुदाय ने राज्य के लोगों की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन सरकार अब उन्हें भूल गई है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। सरकार की नीतियां गुमराह करने वाली हैं। हमारे पास मछुआरों के बारे में बुनियादी विश्वसनीय डाटा की कमी है। हम उनकी मदद कैसे करेंगे। देश के जल निकायों को साफ करने की जरूरत है।

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने अपतटीय खनन के प्रभाव के आकलन का अध्ययन किया है। खनन से मछुआरों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि उचित अध्ययन के इस खनन की अनुमति कैसे दी जा सकती है। किसी को इसे रोकना होगा। हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते। इस खनन को रोकें। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री से इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध करता हूं।

लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात, अंडमान-निकाबार द्वीप के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदा को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि समुद्री जीवन के लिए खनन के दुष्प्रभाव के आकलन के बिना अपतटीय खनन शुरू करना चिंताजनक है।

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