नई दिल्ली । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्रों के प्लेसमेंट और वार्षिक पैकेज में कथित तौर पर गिरावट को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिक्षा विरोधी नीयत के कारण मेधावी युवाओं का भविष्य अधर में है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अपनी पूरी शक्ति से युवाओं की आवाज निरंतर उठाता रहेगा और इस अन्याय पर सरकार को जवाबदेह बनाकर रहेगा।
राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक खबर साझा करते हुए कहा कि आर्थिक मंदी का दुष्प्रभाव अब देश के सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी जैसे शीर्ष संस्थान भी झेल रहे हैं। आईआईटी में प्लेसमेंट और वार्षिक पैकेज में गिरावट, बेरोज़गारी का चरम झेल रहे युवाओं की स्थिति पर और गहरा आघात कर रहे हैं। 2022 में 19 प्रतिशत छात्रों को कैम्पस प्लेसमेंट नहीं मिल सका और इस वर्ष वही दर बढ़कर दोगुनी, यानी 38 प्रतिशत हो गई।
उनका कहना है कि जब देश के सबसे प्रसिद्ध एवं सम्मानित शिक्षा संस्थानों का यह हाल है तो बाकी संस्थानों की क्या दुर्गति होगी? राहुल गांधी ने दावा किया कि आज युवा बेरोज़गारी से पूरी तरह टूट चुका है – पेशेवर शिक्षा पाने में माता-पिता लाखों खर्च कर रहे हैं, विद्यार्थी ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज ले कर पढ़ने पर मजबूर हैं। फिर नौकरी न मिलना, या साधारण आमदनी उनकी आर्थिक स्थिति में गिरावट ही पैदा कर रही है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह भाजपा की शिक्षा विरोधी नीयत का ही नतीजा है जो इस देश के मेधावी युवाओं का भविष्य अधर में है। राहुल गांधी ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के पास भारत के मेहनती युवाओं को इस संकट से मुक्ति दिलाने की कोई योजना भी है? उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी पूरी शक्ति से युवाओं की आवाज निरंतर उठाता रहेगा, इस अन्याय पर सरकार को जवाबदेह बनाकर रहेगा। एजेन्सी
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