sidebar advertisement

अदालत ने खारिज की Mamata Banerjee के खिलाफ शिकायत, कहा- इसमें कोई अपराध नहीं बनता

मुंबई, 30 अक्टूबर (एजेन्सी)। महाराष्ट्र की एक अदालत ने 2021 में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रगान का अपमान करने के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत सोमवार को खारिज कर दी। अदालत ने टिप्पणी की कि इसमें कोई अपराध नहीं बनता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुंबई इकाई के पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता ने मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री बनर्जी दिसंबर 2021 में अपनी मुंबई यात्रा के दौरान कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़ी नहीं हुई थीं।

गुप्ता ने बनर्जी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया था और मांग की थी कि उनके खिलाफ राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (मझगांव अदालत) पी. आई. मोकाशी ने शिकायत खारिज कर दी। विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है। सोमवार को सुनवाई में शामिल हुए एक वकील ने कहा, अदालत ने शिकायत खारिज करते हुए कहा कि बनर्जी के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है।

गुप्ता की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रेट अदालत ने फरवरी 2022 में मुख्यमंत्री को समन जारी किया था। मजिस्ट्रेट ने उस समय कहा था कि शिकायत, गुप्ता के सत्यापन बयान और यूट्यूब पर वीडियो क्लिप से स्पष्ट है कि बनर्जी ने राष्ट्रगान गाया था और अचानक रुक गईं और फिर मंच से चली गईं। इसने कहा था, प्रथम दृष्टया साबित होता है कि आरोपी ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत दंडनीय अपराध किया है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने यह भी फैसला सुनाया था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रही थीं। हालांकि, बनर्जी ने मजिस्ट्रेट की कार्यवाही के खिलाफ एक विशेष अदालत के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की।

एक विशेष न्यायाधीश ने अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों को सुनने के बाद पिछले साल दिसंबर में बनर्जी के खिलाफ समन को रद्द कर दिया था और मामले को मजिस्ट्रेट के पास वापस भेज दिया था। न्यायाधीश ने कहा था कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का बनर्जी को समन जारी करना उचित नहीं है।

विशेष अदालत ने कहा था कि उचित तरीका यह होगा कि मामले को वापस मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाए और निर्देश दिया जाए कि वह दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करें।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics