sidebar advertisement

जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां देश को पहुंचाना है : पीएम मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को PMO में कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक मापदंडों से भी आगे जाकर काम करना है। उन्होंने उन्होंने कहा कि जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरा शुरू से प्रयास रहा है कि पीएमओ सेवा का अधिष्ठान और जनता का प्रधानमंत्री कार्यालय बने। सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है। हमारी टीम के लिए ना तो समय का बंधन है, ना सोचने की सीमाएं और ना ही पुरुषार्थ के लिए कोई तय मानदंड। इस विजय के बड़े हकदार भारत सरकार के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने एक विजन के लिए खुद को समर्पित कर देने में कोई कमी नहीं रखी। ये चुनाव हर सरकारी कर्मचारी के 10 साल के पुरुषार्थ पर मुहर लगाते हैं। इस विजय के बड़े हकदार और सच्चे हकदार आप लोग हैं।”

उन्होंने कहा, ”उन सभी को मेरा निमंत्रण है, जो विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित भाव से खप जाना चाहते हैं। अब समय 10 साल जो मैंने सोचा, उससे ज्यादा सोचने और करने का है। अब जो करना है, वैश्विक मापदंडों को पार करते हुए करना है। जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्रिकेट का दौर आता है तो किशोरवय के बच्चे सोचते हैं कि मैं क्रिकेटर बन जाऊं। फिर कोई फिल्म बड़ी लोकप्रिय हो गई तो लगता है कि ये फील्ड अच्छा है, मैं एक्टर बन जाऊं। चंद्रयान की घटना घटे तो लगेगा कि मैं वैज्ञानिक बन जाऊं। दो महीने बाद फिर क्रिकेट मैच आ जाए तो उसे लगता है कि वैज्ञानिक बनना मेहनत का काम है, इससे अच्छा है कि क्रिकेटर ही बन जाऊं। ज्यादातर लोगों की इच्छाएं अस्थिर होती हैं। यह तरंग की तरह होता है। अस्थिर इच्छाएं दुनिया की नजरों में तरंग होती हैं। जब लंबे अरसे तक इच्छाओं को स्थिरता मिल जाए तो वह संकल्प में बदल जाती है। संकल्प में जब परिश्रम की पराकाष्ठ जुड़ जाए तो सिद्धि प्राप्त होती है। सफल इंसान वो होता है, जिसके भीतर का विद्यार्थी कभी मरता नहीं है।” (एजेन्सी)

#anugamini

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics