बंगलूरू, 30 मार्च । कर्नाटक में एमएलसी पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद भाजपा की तेजस्विनी गौड़ा कांग्रेस में शमिल हो गईं। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी को संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास नहीं है। 2004 से 2009 तक कांग्रेस की सांसद रह चुकी गौड़ा 2014 में भाजपा में शामिल हुई थीं। अब वापस कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने इसे घर वापसी बताया है।
कांग्रेस सचिव जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा की उपस्थिति में तेजस्विनी गौड़ा कांग्रेस में शामिल हो गईं। इस मौके पर जयराम रमेश ने कहा, “कर्नाटक की राजनीति में तेजस्विनी गौड़ा एक सक्रिय नेता हैं। हमें उम्मीद है कि तेजस्विनी जी आगामी चुनाव में भी सक्रिय रहेंगी। वह 2004 से 2009 तक कांग्रेस का हिस्सा रहीं। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर आवाज भी उठाईं। हमें खुशी है कि वह फिर से कांग्रेस में शामिल हुई हैं।”
कांग्रेस में शामिल होने के बाद तेजस्विनी गौड़ा ने कहा, “कांग्रेस बातों पर नहीं बल्कि कार्रवाई में विश्वास रखती है। अब समय आ गया है। मैं पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करूंगी।” उन्होंने आगे कहा, “भाजपा को संवैधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास नहीं है।”
उन्होंने दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस 28 में से 23 सीटें जीतेंगी। बता दें कि 2014 में भाजपा में शामिल होने के बाद 2018 में उन्हें सांसद बनाया गया था। वह भगवा पार्टी की प्रवक्ता भी रहीं। एमएलसी के तौर पर उनका कार्यकाल इस साल जून में खत्म होने वाला था। वह कनकपुर क्षेत्र से 14वीं लोकसभा (2004-2009) की सदस्य थी। कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को हराया था।
कर्नाटक में दो चरणों में 26 अप्रैल और सात मई को मतदान होने वाला है। पिछली लोकसभा चुनाव में कर्नाटक से भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और जेडीएस मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी। नतीजों की बात करें तो 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटें तो कांग्रेस और जेडीएस एक-एक सीट जीती थी। (एजेन्सी)
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