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टीबी से मौतों में 21.4 फीसदी गिरावट आई : जेपी नड्डा

नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उप राज्यपालों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक की। बैठक में उन्होंने सभी से अगले सौ दिनों में तेजी से टीबी उन्मूलन अभियान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

नड्डा ने सुझाव दिया कि जन भागीदारी की भावना के साथ अन्य मंत्रालयों और विभागों को भी इस अभियान में शामिल किया जाए, जैसा कि राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है। इसके अलावा, उन्होंने विधानसभा सदस्यों (एमएलए), नगर निगम के पार्षदों और पंचायती राज संस्थाओं को भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल करने को कहा, ताकि समाज को जागरूक किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में टीबी के मामलों में 2015 से 2024 तक 17.7 फीसदी की गिरावट आई है, जो वैश्विक औसत (8.3 फीसदी) से दोगुना है। उन्होंने यह भी कहा कि बीते दस वर्षों टीबी के कारण मौतों में 21.4 फीसदी की गिरावट आई है। उन्होंने टीबी के मरीजों को सक्रिय रूप से जांच, स्क्रीनिंग और निदान के महत्व पर जोर दिया और राज्यों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे टीबी उन्मूलन अभियान की निगरानी और प्रचार में शामिल हों।

इस अभियान के तहत अब तक 53 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें 2.21 लाख लोगों का परीक्षण किया गया और 22,178 नए मरीजों का निदान हुआ। इसके अलावा, नि-क्षय पोषण योजना के तहत 17,621 लाभार्थियों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) किया गया है और कुल 16 लाख लाभार्थियों को 416 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है।

नि-क्षय मित्रों की संख्या भी बढ़ी है। अब तक 1,630 नए नि-क्षय मित्र पंजीकृत हुए हैं, जिन्होंने 12 हजार से ज्यादा मरीजों को गोद लिया है। अब तक कुल मिलाकर 1.8 लाख नि-क्षय मित्रों ने 8.63 लाख मरीजों को गोद लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी पक्षों से अपील की कि वे टीबी उन्मूलन में अपना सहयोग दें और इसे सफल बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

टीबी उन्मूलन अभियान के मुख्य बिंदु:-

  1. टीबी की जांच और उपचार: अभियान के दौरान 347 जिलों में टीबी के मामलों की निगरानी की जाएगी और उन्नत तकनीक की मदद से मामलों का जल्द से जल्द पता लगाया जाएगा।
  2. नई पहल: मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष देखभाल और नि-क्षय पोषण योजना जैसे नए कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा।
  3. टीबी जागरूकता: इस अभियान के दौरान 80 हजार से ज्यादा नि-क्षय शिविर आयोजित किए जाएंगे।
  4. सामुदायिक भागीदारी: लोगों को नि-क्षय शपथ दिलाई जाएंगे और नि-क्षय मित्रों को प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे टीबी के मरीजों की देखभाल में मदद करें।
  5. पंचायती राज संस्थाएं: ग्राम सभाओं के जरिए टीबी पर सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जाएंगे।

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