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सुशील मोदी नहीं रहे, गले के कैंसर से पीड़ित थे

पटना, 13 मई । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का निधन हो गया। वे कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पिछले महीने ही राजनीति से संन्यास लिया था। लोकसभा चुनाव के बीच उन्होंने यह एलान किया था। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था कि पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।

सुशील मोदी का पार्थिव शरीर कल मंगलवार सुबह करीब 9.30 बजे विशेष विमान से पटना लाया लाएगा। शव को राजेंद्र नगर में निजी आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। कल ही पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लालू प्रसाद यादव समेत कई नेताओं ने सुशील मोदी के निधन पर दुख जताया है।

सुशील बिहार में 70 के दशक के जेपी आंदोलन से राजनीति में आए थे। इसके बाद आरएसएस से जुड़े रहे। उनकी छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई थी। इसके बाद युवा नेता के रूप में पहचान बनाई। साल 1990 में सुशील ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने। यहीं से नीतीश कुमार के साथ उनका साथ शुरू हुआ। इसके बाद बिहार की राजनीति में उनका कद बढ़ता ही चला गया। 2020 में जब फिर से एनडीए की सरकार बनी तो सीएम नीतीश कुमार चाहते थे कि सुशील मोदी ही पूर्व उपमुख्यमंत्री बनें। लेकिन, शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। कहा यह भी जा रहा है कि इस बार जो नीतीश कुमार एनडीए में फिर से शामिल हुए, उसके पीछे सुशील मोदी की अहम भूमिका थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशील मोदी के निधन पर शोक व्यक्ति करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!

लालू प्रसाद ने कहा कि 1974 के आंदोलन में हम दोनों ने साथ में संघर्ष और आंदोलन किया एवं अपनी पहचान बनाई थी। वे हमारे साथ छात्र आंदोलन में हमारी टीम के सदस्य थे। लालू प्रसाद ने कहा कि उनका यूं चला जाना बिहार और देश की राजनीति की एक बड़ी क्षति है। राजद के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने भी शोक जताया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन से मर्माहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि उन्होंने सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता को खो दिया। उनके निधन से राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने ने कहा कि सुशील मोदी जेपी आंदोलन के सच्चे सिपाही थे। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भी उन्होंने हमारे साथ काम किया। मेरा उनके साथ व्यक्तिगत संबंध था।

रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सुशील मोदी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी जी के निधन की सूचना से मर्माहत हूं। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें और परिवारजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति!

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