गांधीवादी दृष्टिकोण से बढ़ेंगे आगे
जम्मू, 29 मार्च । लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर संघर्ष जारी है। लेह में महिलाएं अनशन पर बैठी हुई हैं। पर्यावरणविद् सोनम वांग्चुक ने मंगलवार को 21 दिन का अनशन पूरा किया है। अभी वह लेह में डॉक्टरों की देखरेख में हैं।
वीरवार को लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने शहर में एक रैली निकाली, जिसमें सोनम वांग्चुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने के लिए आंदोलन तेज करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में गांधीवादी दृष्टिकोण से आगे बढ़ेंगे। इसके साथ ही सात अप्रैल को लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में रैली निकाले जाने की योजना बनाई गई है। सोनम वांग्चुक ने कहा कि वह लद्दाख के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए गांधीवादी सिद्धांतों को अपना रहे हैं।
एलएबी ने कहा कि भूख हड़ताल जारी रहेगी। इसमें महिलाओं, युवाओं, छात्रों और कार्यकर्ताओं सहित समाज के विभिन्न वर्ग भाग लेंगे। वांग्चुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग के समर्थन में अपना 21 दिवसीय उपवास समाप्त कर दिया है। अब दस दिन के लिए महिलाएं अनशन पर बैठी हुई हैं।
महात्मा गांधी के सत्याग्रह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का दावा करते हुए वांग्चुक ने भाजपा सरकार द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने पर जोर दिया। भूख हड़ताल महिलाओं, युवाओं, धार्मिक नेताओं और बुजुर्गों को शामिल करते हुए एक शृंखलाबद्ध भूख हड़ताल में बदल जाएगी। लद्दाख की जमीनी हकीकतों पर प्रकाश डालने के लिए सात अप्रैल को चांगथांग तक एक मार्च निर्धारित किया गया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मांगों को खारिज करने का हवाला देते हुए वादों से मुकरने के लिए भाजपा की आलोचना की। वांग्चुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और प्रदेश को छठी अनूसूची में शामिल करने की मांग की। (एजेन्सी)
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