मुम्बई । महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम लगातार बदल रहा है। इस दौरान नेताओं के बयान से सियासी घमासान मचा हुआ है। इसमें मराठा आरक्षण को लेकर भी लगातार बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को विपक्ष के नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे मराठा आरक्षण के हत्यारे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी सरकार ने हमेशा मराठा और ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा की है।
वहीं एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के बयान कि केंद्र सरकार को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के चल रहे आंदोलन पर मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए के सवाल पर चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि केंद्र का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शरद पवार हमेशा से मराठा आरक्षण के खिलाफ खड़े रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे मराठा आरक्षण के हत्यारे हैं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्व विचारधारा को त्याग चुके हैं और यही कारण है कि मुस्लिम समुदाय के कई कट्टरपंथियों ने लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को वोट दिया। शिवसेना अध्यक्ष को इस बात पर मंथन करना चाहिए कि उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया है और कांग्रेस के हितों को बढ़ावा दे रहे हैं। बावनकुले ने आगे कहा कि लोग ठाकरे के भाषणों से थक चुके हैं। उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री के तौर पर अपने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्या काम किया।
वहीं राज्य के जालना जिले में ओबीसी आरक्षण को लेकर दो लोगों की तरफ से अनिश्चितकालीन अनशन किया जा रहा है। जिनका आरोप है कि भाजपा-शिवसेना-एनसीपी सरकार उनके आंदोलन की अनदेखी कर रही है। उनकी मांग है कि मनोज जरांगे की मांग पर बने मसौदे को रद्द किया जाए। दोनों कार्यकर्ताओं की सरकार से आश्वासन मांग रहे हैं कि मराठा आरक्षण की मांग के मद्देनजर ओबीसी कोटा प्रभावित न हो। एजेन्सी
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