राजेश अलख
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में चल रहे सागरमंथन समारोह की सफलता की अपील की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रों की सुरक्षा और समृद्धि महासागरों से जुड़ी हुई है। भारत सरकार ने समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। नाइजीरिया से भेजे अपने संदेश में पीएम ने मानवता के समृद्ध भविष्य को लेकर हो रही साझेदारी पर आम सहमति बनाने और सागरमंथन महासागर संवाद की सफलता का आह्वान किया।
दक्षिण एशिया के सबसे बड़े समुद्री विचार नेतृत्व मंच सागर मंथन की शुरुआत सोमवार को हुई थी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा कि बीते एक दशक में समृद्धि के बंदरगार, उत्पादकता के बंदरगाह और प्रगति के बंदरगाह के लक्ष्य के तहत अपने बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाया है। बंदरगाह की क्षमता को बढ़ाकर, टर्नराउंड समय कम करके, एक्सप्रेसवे, रेलवे और नदी नेटवर्क को मजूबत करके हमने भारत की तटरेखा को बदला है।
भारत की समृद्ध समुद्री विरासत और इसको मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत की समुद्री परंपरा सहस्राब्दियों पुरानी और सबसे समृद्ध है। लोथल और धौलावीरा के बंदरगाह शहर, चोल वंश के बेड़े और छत्रपति शिवाजी महाराज के कारनामे महान हैं।
उन्होंने कहा कि महासागर राष्ट्रों और समाजों के लिए साझा विरासत हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा भी हैं। उन्होंने कहा कि एक मुक्त, खुले और सुरक्षित समुद्री नेटवर्क के लिए हमारा हिंद महासागर हो या हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया भर में प्रतिध्वनित्व पा रहा है। पीएम ने कहा कि महासागरों पर यह संवाद नियम आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करता है और राष्ट्रों के बीच शांति, विश्वास और मित्रता को बढ़ाता है।
सागरमंथन समारोह के दौरान सोमवार को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ग्रीस के समुद्री मामलों के मंत्री क्रिस्टोस स्टाइलियानाइड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। दोनों नेताओं ने समुद्री संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की और 2030 तक व्यापार को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की। सोनोवाल ने कहा था कि भारत यूरोपीय संघ के बाजार के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए ग्रीस के साथ काम कर रहा है।
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