नई दिल्ली । कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर और संविधान का नाम लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोला है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आज ही के दिन 76 साल पहले संविधान सभा में भारत के मसौदा संविधान को औपचारिक रूप से अपनाने का प्रस्ताव रखा था, और उसी समय से उन पर और संविधान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से क्रूर हमले किए जाते रहे हैं।
कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने याद दिलाते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को पेश करने से पहले अपने समापन भाषण में डॉ. आंबेडकर ने संविधान निर्माण में कांग्रेस की भूमिका की सराहना की थी। रमेश ने एक्स पर लिखा, “ठीक 76 साल पहले, डॉ. आंबेडकर ने भारत के मसौदा संविधान को स्वीकार करने का प्रस्ताव संविधान सभा में रखा था। उस अवसर पर उनका समापन भाषण निस्संदेह 20वीं सदी में कहीं भी किसी भी ओर से दिए गए सर्वश्रेष्ठ भाषणों में से एक है।”
रमेश ने आंबेडकर के भाषण को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस की अनुशासनात्मक भूमिका को संविधान मसौदा समिति के सुचारू संचालन के लिए बेहद जरूरी बताया था। आंबेडकर के मुताबिक, अगर संविधान सभा में कांग्रेस न होती तो मसौदा समिति का कार्य बेहद कठिन हो जाता और अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी। कांग्रेस की उपस्थिति ने समिति को यह सुनिश्चितता दी कि प्रत्येक अनुच्छेद और संशोधन का क्या परिणाम होगा।
रमेश ने कहा, डॉ. आंबेडकर और वह संविधान, जिसे अगले दिन औपचारिक रूप से अपनाया जाना था, आरएसएस के भीषण हमलों का शिकार हुए। उन्होंने कहा कि यह हमला तब से लगातार जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि 2015 से संविधान दिवस 26 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था।
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