हरियाणा में राहुल गांधी का वोट हेरफेर का दावा बेबुनियाद : चुनाव आयोग

नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरफ से हरियाणा में कथित वोट हेरफेर के आरोपों को चुनाव आयोग के एक सूत्र ने बेबुनियाद करार दिया है। न्यूज एजेंसी सूत्र के हवाले से कहा कि राज्य की मतदाता सूची के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई थी।

सूत्र ने सवाल उठाया, अगर कई नामों के दोहराव से बचना था, तो संशोधन के दौरान कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) ने कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई? बता दें कि राजनीतिक दल मतदान प्रक्रिया की निगरानी और संभावित अनियमितताओं की पहचान के लिए बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) भी नियुक्त करते हैं।

एक अधिकारी ने कहा, इंडियन नेशनल कांग्रेस के बूथ लेवल एजेंट्स ने संशोधन के दौरान एक ही नाम की एक से अधिक प्रविष्टियों को रोकने के लिए कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं दर्ज की? उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के खिलाफ कोई अपील नहीं दायर की गईं और मौजूदा समय में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सिर्फ 22 चुनाव याचिकाएं लंबित हैं। बता दें कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिनों के अंदर संबंधित उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दाखिल की जा सकती है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, कांग्रेस के पोलिंग एजेंट मतदान केंद्रों पर क्या कर रहे थे? अगर कोई मतदाता पहले ही मतदान कर चुका हो या उसकी पहचान पर संदेह हो, तो आपत्ति दर्ज करना उनका दायित्व है।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का उद्देश्य मृत, दोहराए गए या स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना और नागरिकता की पुष्टि करना है। एक अधिकारी ने सवाल किया, क्या राहुल गांधी एसआईआर का समर्थन कर रहे हैं या इसका विरोध? उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार और हरियाणा दोनों में कांग्रेस के बूथ एजेंटों ने संशोधन के दौरान दोहराए गए नामों को लेकर कोई दावा या आपत्ति नहीं दर्ज की।

अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘हाउस नंबर जीरो’ उन घरों के लिए है जिनके लिए पंचायतों या नगरपालिकाओं द्वारा घर का नंबर आवंटित नहीं किया गया है। बूथ स्तर के अधिकारियों ने ऐसे घरों को ‘हाउस नंबर जीरो’ के रूप में दर्ज किया है।

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