रोजगार प्रोत्साहन योजना पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पूछा सवाल, कहा- क्या यह एक और जुमला है?

नई दिल्ली (ईएमएस)। राहुल गांधी ने शु्क्रवार को रोजगार प्रोत्साहन योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी रोज नए नारे गढ़ते हैं, लेकिन युवा अब भी वास्तविक अवसरों का इंतजार कर रहे हैं। क्या यह एक और जुमला है?

एक्स पर पोस्ट में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने जोर-शोर से रोजगार प्रोत्साहन योजना की घोषणा की थी। इसमें युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि योजना की घोषणा किए लगभग एक साल हो गया है। मगर सरकार ने इस पर अब तक कुछ नहीं किया। योजना के लिए आवंटित किए गए 10,000 करोड़ रुपये भी वापस कर दिए गए हैं। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि केवल बड़े कॉरपोरेट्स पर ध्यान केंद्रित करके, निष्पक्ष व्यापार की बजाय मित्र राष्ट्रों को बढ़ावा देकर, उत्पादन की बजाय असेंबली को प्राथमिकता देकर और भारत के स्वदेशी कौशल की उपेक्षा करके नौकरियां पैदा नहीं की जा सकतीं। करोड़ों नौकरियां सृजित करने का तरीका एमएसएमई में बड़े पैमाने पर निवेश, निष्पक्ष बाजार, स्थानीय उत्पादन नेटवर्क को समर्थन और सही कौशल वाले युवा ही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इन विचारों से सहमत नहीं होंगे। लेकिन मैं उनसे सीधे पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री जी, आपने बड़े दिखावे के साथ रोजगार प्रोत्साहन योजना की घोषणा की थी, लेकिन 10,000 करोड़ रुपये की यह योजना कहां गायब हो गई? क्या आपने अपने वादों के साथ हमारे बेरोजगार युवाओं को भी छोड़ दिया है? आप हर दिन नए नारे गढ़ते हैं, जबकि हमारे युवा अभी भी वास्तविक अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत को जिन करोड़ों नौकरियों की सख्त जरूरत है, उन्हें पैदा करने के लिए आपकी ठोस योजना क्या है या यह सिर्फ एक और जुमला है?

गांधी ने पूछा कि प्रधानमंत्री कब अपना ध्यान अदाणी और उनके अरबपति मित्रों को समृद्ध बनाने से हटाकर यह तय करने पर लगाएंगे कि हाशिए पर पड़े समुदायों के युवाओं को रोजगार मिले।

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