कोयंबटूर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जैविक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर है और उन्होंने जोर देकर कहा कि यह देश की मूल और पारंपरिक संस्कृति है। बिहार में एनडीए की शानदार जीत के बाद मोदी ने अपने आगमन पर गमछा लहराते दर्शकों देखकर कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे बिहार की हवाएं उनसे पहले तमिलनाडु पहुंच गई हों।
किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं यहां मंच पर आया, तो मैंने देखा कि कई किसान हवा में अपना गमछा लहरा रहे थे। मुझे ऐसा लगा जैसे बिहार की हवा मुझसे पहले ही यहां पहुंच गई हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, प्राकृतिक खेती मेरे दिल के बहुत करीब का विषय है। मैं तमिलनाडु के सभी किसानों को इस अद्भुत दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं प्रदर्शनी देख रहा था। मुझे कई किसानों से बात करने का अवसर मिला। किसी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है, पीएचडी की है और फिर खेती कर रहे हैं, कोई नासा छोड़कर खेती कर रहा है, वे कई युवाओं को तैयार कर रहे हैं और प्रशिक्षित कर रहे हैं।
पीएम ने आगे कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता हूं कि अगर मैं इस कार्यक्रम में नहीं आया होता, तो मैं अपने जीवन में बहुत कुछ खो देता। आज यहां आकर, मैंने बहुत कुछ सीखा है। मैं तमिलनाडु के किसानों के साहस को सलाम करता हूं, परिवर्तन को स्वीकार करने की उनकी शक्ति को सलाम करता हूं। मोदी ने कहा, आने वाले वर्षों में मैं भारत की कृषि में कई बड़े बदलाव होते देख सकता हूं। भारत प्राकृतिक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर है। हमारी जैव विविधता एक नया आकार ले रही है, देश के युवा कृषि को एक आधुनिक, व्यापक अवसर के रूप में देख रहे हैं। इससे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, पिछले 11 वर्षों में देश के संपूर्ण कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है। हमारा कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है। कृषि को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने किसानों के समर्थन के सभी रास्ते खोल दिए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती उनके दिल के बहुत करीब है। प्राकृतिक खेती का विस्तार 21वीं सदी की कृषि की जरूरत है। हाल के वर्षों में, बढ़ती मांग के कारण खेतों और विभिन्न कृषि-संबंधित क्षेत्रों में रसायनों के उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है। पीएम ने कहा, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में कमी आई है। मिट्टी की नमी प्रभावित हो रही है और साल-दर-साल खेती की लागत बढ़ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समस्या का समाधान फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती में ही मृदा संबंधी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि साथ ही जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, प्राकृतिक खेती भारत का अपना स्वदेशी विचार है और यह देश की परंपराओं में निहित है और पर्यावरण के अनुकूल है। हमारा लक्ष्य प्राकृतिक खेती को पूरी तरह से विज्ञान-समर्थित आंदोलन बनाना होना चाहिए। प्राकृतिक खेती एक स्वदेशी भारतीय अवधारणा है जो कहीं और से आयातित नहीं है, बल्कि परंपरा से उपजी है और पर्यावरण के अनुकूल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भारतीय कृषि में बड़े बदलाव होंगे।
बिहार में राजग की शानदार जीत के बाद मोदी ने तमिलनाडु आगमन पर लोगों की ओर से गमछा लहराने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था कि बिहार की हवाएं उनसे पहले ही तमिलनाडु में आ गई हों। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाला राजग अगले साल विधानसभा चुनाव में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुकाबला करेगा। विपक्षी गठबंधन एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए प्रयास कर रहा है।
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