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पीएम मोदी खुद को ओबीसी कहते हैं और फिर भ्रमित हो जाते हैं : Rahul Gandhi

गुमला, 06 फरवरी । जाति जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी कहते हैं और फिर भ्रमित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हमें उन्हें भागीदारी देनी है तो पहले उनकी गिनती करना जरूरी है। झारखंड के गुमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये सवाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है बल्कि हिंदुस्तान की जनता का है।

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम खुद को ओबीसी कहते हैं और फिर भ्रमित हो जाते हैं। पहले वह कह रहे थे कि भारत में केवल दो जातियां हैं, अमीर और गरीब। भारत की 50 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है, दलित 15 फीसदी और आठ प्रतिशत आदिवासी हैं। हम जाति जनगणना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम उन्हें भागीदारी देना चाहते हैं तो पहले उनकी गिनती करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि यह सवाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि भारत के लोगों का है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में 90 आईएएस में से केवल तीन ओबीसी हैं। आपको स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में दलित और आदिवासी नहीं मिलेंगे। किसी ओबीसी मालिक का नाम बताइए।” भारत की शीर्ष 100 कॉर्पोरेट कंपनियों में से एक। आपने अडानी, टाटा और बिड़ला का नाम सुना होगा लेकिन किसी ओबीसी का नाम नहीं है। भारत में अन्याय का कैसा देश होगा?”

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिलहाल झारखंड में है, जहां पिछले कुछ दिनों में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने और चंपई सोरेन के राज्य में नई सरकार बनाने से लेकर बड़े राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिले हैं। इंडिया ब्लॉक पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी पूरी तरह से गठबंधन का हिस्सा हैं और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के जाने के बाद इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पूरी तरह से इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं और अधिकांश अन्य सदस्य जो भारत गठबंधन का हिस्सा हैं, वे अभी भी भारत गठबंधन के सदस्य हैं। नीतीश कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया है और वह भाजपा में चले गए हैं। आप अनुमान लगा सकते हैं उनके जाने के क्या कारण हैं। यह ठीक है। हम बिहार में भारत गठबंधन के रूप में लड़ेंगे। इसलिए मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमारे कई साथी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड में हमारी सरकार आदिवासी हितैषी सरकार है और भाजपा की सरकार आदिवासी विरोधी है। उन्होंने आदिवासियों की जमीन के साथ जो किया, हर कोई कह रहा है कि यह बहुत अनुचित था। राहुल ने आगे कहा कि यह यात्रा देश में हो रहे अन्याय के खिलाफ है। सामाजिक न्याय, आर्थिक अन्याय, रोजगार का मुद्दा, वेतन बढ़ रहा है, पीएसयू पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जाति जनगणना मुद्दा, 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा का मुद्दा, महिलाओं, किसानों के खिलाफ अन्याय। हम इन सबके खिलाफ लड़ने के लिए निकले हैं। (एजेन्सी)

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