खामोश पहलगाम, हमले के आतंकियों के स्केच जारी

जम्मू/नई दिल्ली (ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर करीब 28 लोगों की हत्या कर दी। सैलानियों की चहल पहल से गुलजार रहने वाले पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानों पर ताले लटके हैं। इलाके में दहशत का माहौल है। घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

वहीं, कश्मीर घाटी में बुधवार को 35 साल में पहली बार आतंकवादी हमले के खिलाफ बंद रखा गया तथा सभी क्षेत्रों के संगठनों ने पहलगाम पर्यटक स्थल में हुई हत्याओं के विरोध में बंद का समर्थन किया।

केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। हमले के पीछे छिपे आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। घटना के बाद जांच एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच सार्वजनिक किए हैं। इन स्केच की मदद से हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज हो गए हैं।

हमले में जख्मी पुणे की आसावरी जगदाले (26) ने कहा, आतंकियों ने उनके पिता संतोष जगदाले (54) को तंबू से बाहर निकाला और कलमा पढ़ने को कहा। जब उनके पिता ऐसा नहीं कर पाए, तो उनके सिर और पीठ में तीन गोलियां दाग दीं। उनके चाचा को भी गोलियों से छलनी कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले को अंजाम देने के लिए बैसरन के घने जंगलों का रास्ता चुना था। आशंका है कि वारदात के बाद भी वे इन्हीं जंगलों से होकर किसी सुरक्षित स्थान की ओर भाग निकले।

अब सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान पहलगाम के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से ऊंचाई वाले इलाकों की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

अधिकारियों का मानना है कि स्केच जारी होने से आम जनता भी सतर्क हो सकेगी और किसी भी संदिग्ध को देखकर तुरंत जानकारी दे पाएगी। इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर है, और केंद्र सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा किया गया है।

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