नई दिल्ली, 06 फरवरी । एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर टीएमसी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने समिति के सामने अपनी बात रखी है। उन्होंने इस दौरान एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर कहा कि यह भारत को तानाशाही में बदलने का छिपा हुआ एजेंडा है। गौरतलब है कि समिति द्वारा आयोजित बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत करनी थी, लेकिन राज्य के बजट सत्र के चलते उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया था। जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के सामने टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी मौजूद रहे।
एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर गठित समिति के साथ बैठक के बाद टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने इस तरह के विचार पर अपना विरोध दर्ज कराया है। हम पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान हमने अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह एक छिपा हुआ एजेंडा है जो भविष्य में भारत में तानाशाही सरकार को जन्म देगा।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पहले सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियां थी, जिनका पूरे देश में राजनीतिक संचालन था। लेकिन वर्तमान समय अलग है, अब राज्यों में कई सारी क्षेत्रीय पार्टियां हैं। पिछले कुछ सालों से विपक्षी दल कह रहे हैं कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर रही है। इसलिए, हम इस विचार का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मान लीजिए कि एक राज्य सरकार गिर गई है। ऐसा अब हर जगह हो रहा है। उस स्थिति में, क्या वह राज्य सरकार जारी रहेगी या शेष अवधि के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। उस स्थिति में लोगों की पसंद से समझौता किया जाएगा। यह विचार यह वास्तव में देश के संघीय ढांचे में ही हस्तक्षेप है। बता दें टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पिछले महीने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा था कि वह उनके द्वारा तैयार की गई अवधारणा से सहमत नहीं हैं। (एजेन्सी)
#anugamini
No Comments: