पटना । वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राजनीति गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड से जुड़े लोगों ने मुलाकात कर अपनी बात रखी। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि किसी भी कीमत पर इसको संसद से पारित नहीं होने देंगे।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर ये बातें कही है। उन्होंने जानकारी दी है कि मुक़्तलिफ़ मुस्लिम तंजीमों के ओहदेदार ‘वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल’ के सिलसिले में उनसे मिले और वाज़ेह व तफ़्सील-वार गुफ़्तुगू हुई। तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि हमारी पार्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद शुरू से ही अकिलियत के हरेक मुद्दे पर संवेदनशील रहे हैं और किसी भी धार्मिक मामलों में सरकार की दख़ल-अंदाज़ी के खिलाफ हैं। इन संशोधनों से ना सिर्फ मुस्लिम बल्कि दीगर मजहबों के मजहबी, सकाफ़ती और जायदाद के हुक़ूक़ पर असर पड़ेगा और एक गलत नजीर कायम होगी।
तेजस्वी ने कहा कि हमारी पार्टी मोदी-नीतीश एनडीए की इस गैर संवैधानिक, गैर जरूरी प्रस्तावित संशोधन बिल जो कि मुल्क के सेक्युलर ताने-बाने को तोड़ने और धार्मिक उन्माद फैलाने के मकसद से लाया गया है उसका पुरजोर विरोध करती है। हमने आए हुए डेलीगेशन को तसल्ली दिलाया कि हम उनके साथ हैं और किसी भी कीमत पर इसको संसद से पारित नहीं होने देंगे और इस लड़ाई को सभी फोरम पर लड़ेंगे। अफसोस है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बिल के समर्थन में हैं।
बता दें इस बिल को लेकर लोकसभा में जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने समर्थन में काफी बातें कहीं। लेकिन उसके बाद जेडीयू के कई मुस्लिम नेताओं ने इस पर विरोध दर्ज किया। विरोध के बाद ललन सिंह की चुप्पी है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी बयान इस बिल पर नहीं आया है कि वो समर्थन में हैं या विरोध में!
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