नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितता और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। बीपीएससी परीक्षा विवाद को लेकर लगी याचिकाओं पर शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह भावनाओं को समझती है, लेकिन याचिकाकर्ता को पहले पटना हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए।
इससे पहले कोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं और उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस कार्रवाई से संबंधित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायतों के साथ पटना उच्च न्यायालय का रुख करें।
याचिकाकर्ता आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने पीठ से याचिका पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश ने बिहार पुलिस की शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता देखी है। प्रदर्शन कर रहे छात्र विवादास्पद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
सीजेआई ने कहा कि हम आपसे पटना उच्च न्यायालय जाने के लिए कह रहे हैं। हालांकि, वकील ने कहा कि यह पेपर लीक एक दैनिक मामला है। सीजेआई ने कहा कि हम आपकी भावनाओं को समझते हैं, लेकिन हम प्रथम दृष्टया न्यायालय नहीं हो सकते हैं और हमें लगता है कि यह उचित और अधिक शीघ्र होगा कि याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए।
वकील ने पीठ को बताया कि जिस स्थान पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था, वह पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास के पास था और इस पर स्वत: संज्ञान लिया जा सकता था। बिहार पुलिस ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाले सिविल सेवा उम्मीदवारों पर बल का प्रयोग किया।
राज्य लोक सेवा आयोग ने कुछ उम्मीदवारों के लिए पटना में 22 केंद्रों पर चार जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है। पुनर्परीक्षा के लिए पात्र 12,012 उम्मीदवारों में से कुल 8,111 ने अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड किया और 5,943 ही परीक्षा में शामिल हुए। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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