पटना । बिहार वाणिज्यिक कर विभाग ने चालू वित्त वर्ष (2024-2025) में 31 अगस्त तक 15,463 करोड रुपये का GST संग्रह किया है जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.4 अधिक है। बिहार के वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था की शुरुआत से पहले वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान बिहार में कुल कर 17,236 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। वर्ष 2023-2024 में राज्य ने 38,198 करोड़ रुपये कर जुटाया और इस प्रकार 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक राज्य ने 15,463 करोड़ रुपये जीएसटी के तौर पर जुटाए हैं जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.4 प्रतिशत अधिक है। सचिव ने कहा कि विभाग ने चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी के रूप में 42,500 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य तय किया है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बिहार अब जीएसटी संग्रह में शीर्ष पांच राज्यों में है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि राज्य सरकार की स्पष्ट रूप से प्रभावी आर्थिक नीति को दर्शाती है।
सचिव ने कहा कि कर संग्रह में वृद्धि मुख्य रूप से जीएसटी व्यवस्था के तहत अधिक से अधिक छोटे व्यापारियों के पंजीकरण के कारण है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर अतिरिक्त कर लगाना भी शुरू कर दिया है। सचिव ने आंकड़े बताए बिना कहा कि राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से विभाग ने पर्याप्त राजस्व एकत्र किया है। पिछले साल सितंबर में इस संबंध में केंद्र की अधिसूचना के बाद एक अक्टूबर, 2023 से राज्य में ऑनलाइन गेमिंग, रेसकोर्स और कैसीनो पर अतिरिक्त कर लागू है।
जीएसटी परिषद ने दो अगस्त, 2023 को अपनी 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर लगाए गए दांव के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगाने के अपने पहले के फैसले पर कायम रहने का फैसला किया था। इससे पहले ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर 18 प्रतिशत कर था। बिहार में गेमिंग पर अतिरिक्त कर लगाने के बाद सरकार को ही फायदा हुआ है। राजस्व कर में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। सचिव की ओर से स्पष्ट किया गया कि ये बढ़ोतरी पूरी तरह राज्य सरकार के विशेष आर्थिक नीति को दर्शाती है।
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