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मुठभेड़ में हुई नक्सली विक्रम गौड़ा की मौत : जी. परमेश्वर

बंगलूरू (ईएमएस)। कर्नाटक के उडुपी में मुठभेड़ में नक्सली विक्रम गौड़ा की मौत के मामले में हत्या की जांच की मांग को सरकार ने खारिज कर दिया है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि विक्रम गौड़ा को नक्सल विरोधी बल (एएनएफ) ने मुठभेड़ में मार गिराया था। अगर एएनएफ ने उसे गोली नहीं मारी होती, तो वह उन सभी पर गोली चलाता। गौड़ा के पास घातक हथियार था। इसलिए उसे पहली नजर में गोली मारी गई थी। इसलिए उसकी मौत को लेकर कोई संदेह करने की जरूरत नहीं है। इस मामले में हत्या की जांच कराने जैसा कुछ नहीं है।

गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि गौड़ा के खिलाफ हत्या के आरोपों सहित 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। इसलिए कोई जोखिम नहीं उठाते हुए उसका एनकाउंटर किया गया। विभाग से लिखित में मिलने के बाद मैं आगे की जानकारी साझा कर सकता हूं।  करकला के भाजपा विधायक वी सुनील कुमार के कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद नक्सली गतिविधियां बढ़ने वाले बयान पर गृह मंत्री ने कहा कि यह घटना उनके निर्वाचन क्षेत्र करकला में हुई, जहां एएनएफ का मुख्यालय भी है। एएनएफ लगातार नक्सली गतिविधियों पर नजर रख रहा था।

जी. परमेश्वर ने कहा कि गौड़ा की हत्या की जांच की मांग को लेकर कुछ लोग आवाज उठा रहे हैं। मुझे बताइए कि किस एंगल से जांच होनी चाहिए? सब कुछ कानून के दायरे में किया गया। जो व्यक्ति हत्याओं में शामिल था, स्वचालित मशीन गन जैसे हथियार लेकर चल रहा था, उसे छोड़ा नहीं जा सकता और क्या उसके साथ दोस्ताना व्यवहार किया जाना चाहिए। यह सुरक्षा का सवाल है। उसने किस उद्देश्य से नक्सलवाद अपनाया? उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था, उसके रिश्तेदारों ने भी उसे नक्सलवाद छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था, उन्होंने पत्र भी लिखे थे। उसने उन पर ध्यान नहीं दिया।

राज्य गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, पिछले हफ्ते दो (नक्सली) राजू और लता को देखा गया था, लेकिन वे भाग निकलने में कामयाब रहे। उन्हें पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। अचानक से अधिकारियों को विक्रम गौड़ा के बारे में जानकारी मिली। सभी अधिकारी उसे ढूंढने लगे। यह एनकाउंटर जरूरी था या नहीं इसपर उन्होंने कहा, जैसे ही उसने (विक्रम गौड़ा) पुलिस को देखा गोलियां चलाने लगा, इसलिए पुलिस को भी गोलियां चलानी पड़ी। अभी तक मेरे पास यही जानकारी आई है। राज्य मंत्री ने बताया कि नक्सल गतिविधियों में शामिल लोगों के बाहर निकालने का प्रयास जारी है।

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