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नवादा की घटना सत्ता संरक्षण के बिना संभव नहीं : Manoj Manzil

'डीएम और एसपी पर कार्रवाई होनी चाहिए'

पटना । भाकपा-माले नवादा की घटना के विरोध में 23 सितंबर को पूरे बिहार में विरोध-प्रदर्शन करेगी। पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पटना पहुंचे पूर्व विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि सत्ता संरक्षित ताकतों ने घटना को अंजाम दिया है। बिहार में जारी जमीन सर्वेक्षण से इसके तार जुड़े हैं। भू-माफिया गिरोह दलित-गरीबों कि बस्तियों को जलाकर नामोनिशान मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। बिना किसी पूर्व तैयारी के राज्य में जमीन का सर्वे करवा रही है।

पूरा मामला 37.14 एकड़ गैर मजरूआ प्लॉट का है। जिसे अब जिला प्रशासन रैयती जमीन बताकर मामले को दूसरी दिशा में मोड़ने का प्रयास कर रही है। लंबे समय से इस जमीन पर दलित-गरीब जोत-आबाद कर रहे हैं। 1970 के सर्वे के दौरान अनुपस्थित जमींदार ने जालसाजी करके उसे अपने नाम पर चढ़वा लिया। लगभग 16.59 एकड़ जमीन को नंदू पासवान सहित डेड़ दर्जन लोगों ने जमींदार से मिलीभगत करके अपने नाम लिखवा लिया। दलित-गरीबों पर जमीन खाली करवाने का लगातार दबाव बनाते रहे हैं।

मामला फिलहाल कोर्ट में है, लेकिन नए जमीन सर्वे को भूस्वामियों ने दलितों की बेदखली का एक मौका समझ लिया। इसी उद्देश्य से नवादा कांड रचाया गया है। ताकि नए सर्वे में जमीन भू-माफिया गिरोह के नाम पर चढ़ जाए। यदि समय रहते नीतीश सरकार ने सभी गरीबों के नाम जमीन बंदोबस्त कर दी होती तो आज यह घटना नहीं घटती।

मनोज मंजिल ने कहा कि नवादा की घटना बिना सत्ता संरक्षण के संभव ही नहीं है। स्थानीय थाना की मिलीभगत साफ दिख रही है। घटनास्थल से थाने की दूरी महज एक किलोमीटर है। फिर भी डायल 112 पर फोन करने के बाद भी पुलिस 2 घंटे बाद पहुंची। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रत्येक परिवार को कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए। इस नृशंस घटना के लिए वहां के डीएम और एसपी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में गया जिले में मुसहर और अन्य दलित समुदाय पर हमलों की बाढ़ सी आ गई है। टिकारी में सामंतों ने संजय मांझी का हाथ काट डाला। खिजरसराय में 100 रुपए बकाया मजदूरी मांगने पर सजन मांझी की हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले बाराचट्टी में राजकुमार मांझी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रेप की कई घटनाएं सामने आई है। ​​​​​​​

भाकपा-माले ने कहा कि लैंड सर्वे को दलित-गरीबों की बेदखली और उन पर हमले का अभियान नहीं बनने देंगे। बिहार सरकार भू-माफिया परस्त है। दबंगों के बढ़े मनोबल पर रोका जाए। राज्य में दलितों-महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसा के खिलाफ 23 सितंबर को पूरे राज्य में प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

#anugamini

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