भाजपा की दलाली बंद करें नसीरुद्दीन चिश्ती : इमरान मसूद

नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य इमरान मसूद ने मंगलवार को सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती पर तीखा हमला किया। मसूद ने चिश्ती पर भाजपा का दलाल होने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि वह भाजपा की दलाली करना बंद करें। कांग्रेस सांसद ने चिश्ती की वक्फ संशोधन विधेयक पर की गई टिप्पणियों को लेकर कड़ी आलोचना की।

ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष चिश्ती ने सोमवार को वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए सरकार का समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि वे वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दिए गए ‘भावनात्मक’ बयानों से प्रभावित न हों। साथ ही यह भी कहा कि वह सरकार के आधिकारिक बयानों पर विश्वास करें।

चिश्ती ने कहा, ‘भारत सरकार जो वक्फ (संशोधन) विधेयक ला रही है, उसने पहले ही अपनी मंशा जाहिर कर दी है। JPC ने सभी पक्षों को बहुत धैर्यपूर्वक सुना है और सरकार को रिपोर्ट भेजी है। उम्मीद है कि जो विधेयक आएगा, वह अच्छा होगा। मेरा मानना है कि मौजूदा वक्फ अधिनियम में बदलाव की जरूरत है। किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है। भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है, जो गलत है।’ चिश्ती ने आगे कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्तियों को वापस लेने जैसे सुधार करना है।

कांग्रेस सांसद मसूद ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं दिया जाता। मसूद ने कहा कि पूरे बजट सत्र में उन्हें भी सिर्फ 55 सेकंड बोलने का मौका मिला। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि संसद में विपक्षी नेता जैसे ही बोलना शुरू करते हैं, माइक बंद कर दिए जाते हैं। जबकि, सत्ता पक्ष के सांसद जो चाहते हैं, वही बोलते हैं।

कांग्रेस सांसद मसूद ने एएनआई के हवाले से कहा, वक्फ बिल पूरी तरह से असांविधानिक है। यह संविधान की कई धाराओं को ओवरलैप करता है। यह संविधान द्वारा हमें दिए गए हमारे अधिकारों पर हमला है। विपक्ष को कुचला जा रहा है। वे (सत्ता पक्ष) हमें बोलने नहीं देते।

इससे पहले, सोमवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संसद में विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भी बजट सत्र के दौरान 27 मार्च को राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोके जाने की आलोचना की। यहां तक की खुद राहुल गांधी भी आरोप लगा चुके हैं कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता। उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि पता नहीं सत्ताधारी पार्टी किस बात से डरती है।

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