भूस्खलन को आपदा घोषित करें ममता बनर्जी : राजू बिष्ट

दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के सांसद और भाजपा प्रवक्ता राजू बिष्‍ट (Raju Bista) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी आंखों से भूस्‍खलन का मुआयना करने के बाद अब इसे आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री का प्रभावित क्षेत्रों का दौरा एक सकारात्मक कदम है, लेकिन नुकसान को प्रत्यक्ष रूप से देखने के बाद इसे औपचारिक रूप से ‘आपदा’ घोषित करना उचित होगा।

इसके अलावा, सांसद बिष्‍ट ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दार्जिलिंग, तराई और डुआर्स में आए भूस्खलन और बाढ़ के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया। बिष्‍ट के अनुसार, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 38 में कहा गया है कि राज्य सरकार को अपनी सीमाओं के भीतर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा घटना को ‘आपदा’ घोषित करने के बाद ही उसे केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता मिल सकती है।

सांसद बिष्ट ने राज्य सरकार पर पिछले वर्ष के 5,900 करोड़ रुपये के आपदा राहत कोष का लेखा-जोखा न दिखाने पर सवाल उठाया है। यह कोष 15वें वित्त आयोग द्वारा 2021 से 2026 की अवधि के लिए स्वीकृत किया गया था, जिसमें 75 प्रतिशत राशि केंद्र द्वारा और 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है।

उनके अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के एसडीआरएफ का कुल आवंटन 1,311.20 करोड़ रुपये है-जिसमें से 983 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा और 328 करोड़ रुपये राज्य द्वारा प्रदान किए गए हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने जन सहायता के लिए केवल लगभग 10 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की है (जिसमें मृतकों को प्रदान की गई 5 लाख रुपये की सहायता भी शामिल है)। यदि सरकार ने केवल 10 प्रतिशत राशि का ही उपयोग किया होता, तो लगभग 130 करोड़ रुपये तुरंत जुटाए जा सकते थे।

बिष्‍ट ने कहा, राज्य सरकार इस भूस्‍खलन को ‘आपदा’ घोषित न करके इस निधि का उपयोग करने से बचने की कोशिश कर रही है, जो एक बेहद दुर्भावनापूर्ण कार्य है। इससे हज़ारों प्रभावित नागरिक उस सहायता से वंचित हो रहे हैं जिसके वे हकदार हैं। बिष्‍ट ने आगे कहा, हालांकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पश्चिम बंगाल के आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विभाग को 3279 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसका कितना प्रतिशत उत्तर बंगाल को दिया गया। अगर इस राशि का 10 प्रतिशत भी यहां इस्तेमाल किया जाता, तो लगभग 327.9 करोड़ रुपये क्षेत्रीय पुनर्निर्माण पर खर्च किए जा सकते थे।

एमपी बिष्ट के अनुसार, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और उत्तर बंगाल में आपदा से निपटने की तैयारी शून्य है। सरकार को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ प्रभावित लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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