नई दिल्ली (एजेन्सी) । महाराष्ट्र में अदाणी समूह को 6600 मेगावाट की थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा की बोली जीतने पर कांग्रेस ने महायुति सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ये रेवड़ियां राज्य के उपभोक्ताओं पर टैरिफ का बोझ डालेंगीं। महाराष्ट्र में महायुति सरकार हार की ओर बढ़ रही है। इसलिए वह अपने आखिरी दिनों में मोदानी उद्यम की मदद में बिता रही है। इस अनुबंध के तहत अदाणी समूह को बड़ी बिजली खरीदने का मौका मिला है।
एक्स पर पोस्ट में उन्होंने पीएम से प्रश्न पूछे। उन्होंने कहा कि क्या ये सच नहीं है कि 13 मार्च, 2024 को 1600 मेगावाट थर्मल और 5000 मेगावाट की बोलियों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने निविदा के नियम और शर्तें प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए मानक बोली दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया था?
उन्होंने कहा कि 1600 मेगावाट कोयला बिजली के लिए टैरिफ लगभग 12 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट है, ऐसे समय में जब अदानी ने खुद बीएचईएल के साथ 7 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट से कम पर अनुबंध किया है। एनटीपीसी/डीवीसी/नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन जैसी बड़ी तापीय परियोजनाएं इसे 8-9 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट पर लागू कर रहे हैं।
रमेश ने पूछा कि क्या परियोजना लागत का 28,000 करोड़ रुपये पूरी तरह से महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा नियंत्रित एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के लिए टैरिफ 2.5 रुपये प्रति यूनिट रेंज में हैं, लेकिन अदाणी ग्रीन 2.7 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली की आपूर्ति करेगा? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में अदाणी समूह को वितरित की गई ये रेवड़ियां (मुफ्त चीजें) 2.7 करोड़ उपभोक्ताओं पर टैरिफ का भारी बोझ डालेंगी।
अदाणी समूह ने महाराष्ट्र को 6,600 मेगावाट की बंडल नवीकरणीय और थर्मल बिजली की आपूर्ति करने की बोली जीती, जब इसकी 4.08 रुपये प्रति यूनिट की दर ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी और टोरेंट पावर को पीछे छोड़ दिया। अदाणी पावर की बोली उस लागत से लगभग एक रुपये कम थी। जिस पर महाराष्ट्र वर्तमान में बिजली खरीदता है और इससे राज्य की भविष्य की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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