नई दिल्ली, 11 सितम्बर (एजेन्सी)। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएमएचए) के गठन के साथ उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने निशाना साधा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल यदि दिल्लीवालों के स्वास्थ्य को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो उन्हें उन अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरों का वेतन रोका। कंप्यूटरीकृत ओपीडी काउंटर अचानक बंद किया। गरीब मरीजों के लिए मुफ्त प्रयोगशाला सेवाएं बंद करने की साजिश रची। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल एसएमएचए में अपने विवेक के अनुसार सदस्यों की सिफारिश करना चाहते हैं। यही वास्तविक कारण है कि एलजी एसएमएचए में विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नामित नहीं किए जाने से इतने नाखुश हैं। इसके अलावा एलजी इसलिए भी नाखुश हैं क्योंकि मैंने प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जलभराव की समस्या को उठाया। जी 20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को कोई धन मुहैया नहीं कराया।
बता दें कि एलजी ने आदेश दिया है कि जल्द से जल्द एसएमएचए में सेवानिवृत मनोचिकित्सक, एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर, एक मनोचिकित्सक सामाजिक कार्यकर्ता, एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक, एक मानसिक स्वास्थ्य नर्स (सभी 15 वर्ष के अनुभव के साथ), दो मानसिक रोगियों का प्रतिनिधित्व करने वाले, दो ऐसे मरीजों की देखभाल करने का प्रतिनिधित्व करने वाले, दो व्यक्ति गैर सरकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वालों को शामिल किया जाए। यह सभी मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों को सेवाएं प्रदान करने का अनुभव रखते हो।
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