तिरुवनंतपुरम । केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सीएम ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित वायनाड में राहत और बचाव कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। शुरुआती चरण में सभी को सुरक्षित स्थान पर लाने पर फोकस किया गया था। बचाव टीम ने अपनी जान की परवाह न किए बगैर काम किया और मुश्किल परिस्थितियों में भी लोगों को बचाया।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि हमने अभी तक 148 शव बरामद किए हैं। 10,042 लोग 93 राहत कैंपों में रह रहे हैं। अभी भी चलियार नदी और भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान चल रहा है। रेस्क्यू अभियान में 1,419 लोग लगे हुए हैं। ड्रोन आधारित रडार जल्द ही तैनात किए जाएंगे। वायनाड को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए केरल के लोग एकजुट हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 67 शव ऐसे हैं, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पंचायतों को शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी दी गई है। शवों को सर्व धर्म प्रार्थनाओं के बीच दफनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों में लगे लोगों की तारीफ की और कहा कि पुल निर्माण के बाद बचाव कार्यों में तेजी आई।
सीएम ने विस्थापितों को पुनर्वास पर कहा कि पुनर्वास कार्यक्रम प्रभावी तरीके से होना चाहिए। पूरे रिहायशी इलाके के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। पुनर्वास का काम तेजी से किया जाएगा।’ वेल्लारमाला स्कूल के भूस्खलन में तबाह होने पर सीएम ने कहा कि ‘बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा और उन्हें शिक्षा का विकल्प दिया जाएगा।
केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी इलाके के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैंकड़ों लोग घायल हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही स्थानीय पुलिस भी राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। एजेन्सी
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