कोच्चि, 28 मार्च । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केरल में राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीतारमण ने सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन यूडीएफ पर निशाना साधा। आरबीआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केरल भारत के शीर्ष पांच आर्थिक रूप से संकटग्रस्त राज्यों में से एक है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है, इसी के मद्देनजर सीतारमण ने गुरुवार को एनडीए के लोकसभा चुनाव सम्मेलन का उद्धाटन किया।
सम्मेलन के दौरान, सीतारमण ने राजनयिक बैगों के माध्यम से सोने की तस्करी, लाइफ मिशन घोटाला और करोड़ों रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले का मुद्दा उठाया। इन सब में वित्तीय घोटाले शामिल हैं। उन्होंने केरल की तुलना ‘मैत्रियोश्का गुड़िया’ के रूप में की। उन्होंने दावा किया कि केरल में बेरोजगारी दर पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से अधिक रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की ऐसी हालत है कि इसलिए एलडीएफ को राष्ट्रीय बेरोजगारी के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने राजनीतिक हत्याओं और पशु चिकित्सा छात्र की मौत का भी जिक्र किया।
सीतारमण ने दावा किया कि 2016-17 के बाद से पिछले छह वर्षों में, केरल सरकार ने 3 प्रतिशत की अपनी अनुमत उधार सीमा को पार कर लिया। राज्य सरकार ने 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त-बजटीय उधारी का सहारा लिया है। यह ऑफ-बजट उधार केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड और केरल सोशल सिक्योरिटी पेंशन कंपनी लिमिटेड जैसी संस्थाओं के माध्यम से लिया गया, जिनका अपना कोई राजस्व ही नहीं है। दोनों संस्थाओं का खुद का कोई राजस्व नहीं है। वे ऋण चुका सकते नहीं हैं तो यह ऋण कौन चुकाएगा…राज्य? केरल के लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इतने पैसे के बाद भी विकास पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वामपंथी सरकार को निवेश में कोई दिलचस्पी ही नहीं है। उन्हें केवल रिश्वत में रुचि है। (एजेन्सी)
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