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केजरीवाल का स्व-घोषित ईमानदार का किरदार हुआ तार-तार : सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्ली, 09 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने और सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणियों को आधार बनाते हुए मंगलवार को आप संयोजक पर हमला किया और दावा किया कि ‘इंडियन अगेंस्ट करप्शन’ से शुरू हुआ आंदोलन अब ‘केजरी भ्रष्टाचार क्रांति’ में बदल गया है। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पूछा कि क्या अब गिरफ्तारी के बाद उनके पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार बचा है?

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने हाईकोर्ट की कई टिप्पणियों का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) और उसके प्रमुख पर जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल को झटका देते हुए हाईकोर्ट ने मंगलवार को कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि इसमें कानूनी प्रावधानों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के पास पर्याप्त सामग्री थी जिसके कारण केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया और निचली अदालत ने एक सुविचारित आदेश के तहत उन्हें एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। न्यायमूर्ति शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा, अदालत का मानना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है। रिमांड को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है।

त्रिवेदी ने अदालत के इस रुख का हवाला दिया कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है और अदालतें संवैधानिक नैतिकता से संबंधित हैं, न कि राजनीतिक नैतिकता से। जाहिर तौर पर उनका इशारा केजरीवाल और आप के उस दावे की ओर था जिसमें कहा गया था कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार अभियान से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, आज हाईकोर्ट ने केजरीवाल के संदर्भ में जो निर्णय दिया है, उससे तथ्यों के कठोर धरातल पर आम आदमी पार्टी का अहंकार चकनाचूर हो गया है। स्वघोषित कट्टर ईमानदार का किरदार धारदार तथ्यों के साथ पूरी तरह तार-तार हो गया है। उन्होंने अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा, ईडी ने जो साक्ष्य दिए हैं, उससे साफ होता है कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने में प्रथम सूत्रधार थे।

भाजपा नेता ने कहा कि अदालत के निर्णय ने केजरीवाल के एक आम आदमी के भेष को ‘बेनकाब’ कर दिया है क्योंकि वह राजनीति में आने के दौरान किए गए अपने कई वादों से पलट चुके हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब ‘केजरी भ्रष्टाचार क्रांति’ में बदल गया है। केजरीवाल तब एक कार्यकर्ता थे। इस आंदोलन के जरिए उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और फिर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ। बाद में यह पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आई।

त्रिवेदी ने कहा, भारतीय राजनीति में शायद एक दशक में ऐसी गिरावट कभी नहीं आई। उन्होंने जेल में बंद केजरीवाल के समर्थन में रैली करने और मोदी सरकार पर विपक्ष को कमजोर करने के लिए जांच एजेंसियों को हथियार बनाने का आरोप लगाने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर भी कटाक्ष किया। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को शर्मसार किया, धोखा दिया और लूटा है। उन्होंने कहा, केजरीवाल ने दिल्ली को शर्मसार किया। दिल्लीवासी होने के नाते दुख है कि आज दिल्ली सिर्फ केजरीवाल के कारण कलंकित हुई है। क्या अब कुर्सी पर बने रहने का उनका कोई नैतिक अधिकार बचा है। (एजेन्सी)

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