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भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने : PM मोदी

नालंदा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के बाद सेना के विशेष विमान से आज पहली बार बिहार पहुंचे हैं। बिहार के ऐतिहासिक स्थल राजगीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 815 साल के लंबे इंतजार के बाद नालंदा विश्वविद्यालय का केंद्र एक बार फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आने वाले समय में नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर से शिक्षा, ज्ञान और सांस्कृतिक चेतना का वैश्विक केंद्र बनने वाला है।

साल 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ शैक्षणिक संस्थानों में बड़ा परिवर्तन आया है। जिसने शिक्षा की तस्वीर पूरी तरह से बदलकर रख दी है। जिसका नतीजा यह है कि भारत के शिक्षण संस्थानों के कैंपस अब विदेशों में भी खुल रहे हैं। 2014 के बाद आईआईएम, एम्स, आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी दोगुनी हुई है। इस बात को कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि अब भारत विश्व गुरु बनने की तैयारी कर चुका है।

नालंदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है। यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा कि नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा बताएगा जो राष्ट्र मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वे राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है। मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा का अर्थ है कि जहां शिक्षा और ज्ञान के दाह का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा सीमाओं से परे है। नफा-नुकसान के नजरियों से भी परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है। उसे विचार और आकार देती है। नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। नालंदा में 20 से ज्यादा देशों लोग पढ़ते थे। नालंदा विवि आसियान इंडिया विश्वविद्यालय की दिशा में भी काम कर रही है। 21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जा रहा है। हमारा साझा प्रयास दुनिया की नई प्रगति को दिशा देगी।

पीएम मोदी ने कहा कि आज हायर एजुकेशन के लिए भारत में ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। अब भारत के शिक्षण संस्थान ग्लोबल हो रहे। नालंदा विवि को भी दुनिया के हर इलाके में जाना है। दुनिया बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाह रही है। नालंदा की यह धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है। आने वाले 25 साल भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। नालंदा विवि के विद्यार्थिंयो के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं। आप अपने ज्ञान को समाज को एक सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयोग करिए। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिए। नालंदा का गौरव भारत का गौरव है। आपके ज्ञान से पूरी मानवता नई दिशा मिलेगी। मुझे विश्वास है कि हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे।

PM Modi ने कहा कि भारत ने सदियों तक सस्टेनेबिलिटी (वहनीयता) को एक मॉडल के रूप में जीकर दिखाया है। ग्लोबल लांच ऑफ मिशन लाइफ के तहत हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं। अपने उन्हीं अनुभवों के आधार पर भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा मानवीय विजन दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनें। भारत की पहचान फिर से दुनिया के सबसे प्रोमिनेंट नॉलेज सेंटर (प्रमुख ज्ञान केंद्र) के रूप में हो। हमारा प्रयास है कि भारत में दुनिया का सबसे विस्तृत और संपूर्ण कौशल प्रणाली हो। भारत में दुनिया का सबसे उन्नत अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा प्रणाली हो। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है, भारत के युवाओं पर है।

पीएम मोदी ने कहा कि आप देखिए दो दिन बाद ही 21 जून को विश्व योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाए मौजूद हैं। हमारे ऋषियों इतना गहन शोध किया आज पूरा विश्व योग को मना रहा है। आज आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन के रूप में देखा जा रहा है। हम प्रगति और पर्यावरण को एकसाथ लेकर चले। भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा विजन दिया। पीएम ने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो।

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