नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करता है। वैश्विक शांति और समृद्धि का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद शांति और विकास में बाधक है और आतंक से सभी स्रोतों को सामूहिक संकल्पशक्ति से परास्त करना होगा। इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच चल रही लड़ाई के बीच लोक सभा स्पीकर के इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पी-20 के सफल शिखर सम्मेलन के समापन के अगले दिन रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सम्मेलन में कुछ देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विश्वसनीय और उत्तरदायित्वपूर्ण प्रयोग और डेटा सुरक्षा पर बल दिया। सभी देशों ने उत्तरदायित्वपूर्ण एआई विकास और डेटा सुरक्षा से संबंधित आयामों पर ध्यान दिये जाने की जरूरत पर जोर दिया। बिरला ने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जवाबदेह और विश्वसनीय होनी चाहिए। लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि पी20 देशों ने विधायी प्रारूपण के लिए डोमेन ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक समूह बनाने पर सहमति व्यक्त की। भारत की जी20 प्रेसीडेंसी की थीम के अनुरूप, 9वें पी20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ रहा।
उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली पी20 शिखर सम्मेलन शिष्टमंडलों की भागीदारी के मामले में अब तक का सबसे सफल पी20 शिखर सम्मेलन रहा। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में जी20 देशों के अलावा 10 अन्य देशों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें एक को छोड़ शेष सभी देश सम्मिलित हुए। उन्होंने आगे बताया कि शिखर सम्मेलन में कुल 29 देशों से 37 अध्यक्षों/उपाध्यक्षों और शिष्टमंडलों के नेताओं ने भाग लिया।
बिरला ने इसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से नई दिल्ली पी20 सम्मलेन में अब तक की सबसे अधिक भागीदारी हुई। उन्होंने यह भी बताया कि अफ्रीकी संघ को जी20 के सदस्य के रूप में शामिल किए जाने के बाद पैन-अफ्रीकी संसद ने पहली बार पी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। जी20 और आमंत्रित देशों की संसदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के अलावा 48 संसद सदस्यों समेत कुल 436 प्रतिनिधियों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
सम्मेलन की सफलता का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संयुक्त घोषणा पत्र पर आम सहमति के बाद पी20 में भी देश संयुक्त घोषणा पत्र पर आम सहमति बनाने में कामयाब रहा। जबकि पिछले वर्ष इंडोनेशिया में संयुक्त घोषणा पत्र पर सहमति नहीं बन सकी थी। नई दिल्ली में संयुक्त घोषणा पत्र पर सर्वसहमति भारत के नेतृत्व और संकल्पशक्ति को प्रदर्शित करती हैं। बिरला ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री की पहल के अनुरूप सम्मेलन में भारत की प्रेरक भूमिका के तहत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करने पर सहमति बनी।
उन्होंने बताया कि भारतीय संसद द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 का सभी देशों ने स्वागत किया। जलवायु परिवर्तन को विश्व के समक्ष प्रमुख चुनौती बताते हुए बिरला ने बताया कि भारत ने जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए अनेक पहल की हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा दी गई पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली की अवधारणा पर हुई चर्चा के विषय में बिरला ने बताया कि सभी देशों ने इस संबंध में अपने-अपने यहां किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।
उन्होंने आगे कहा कि सभी देशों की संसदों में अब मिशन लाइफ पर विशेष चर्चा की जाएगी, तथा पूरे देश को पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया जाएगा। ऐसा करके भारत के नेतृत्व में पूरी दुनिया के लोग पृथ्वी, पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा के लिए एकजुट होंगे और एक-दूसरे की बेस्ट प्रेक्टिसेज और प्रयासों को साझे करते हुए सभी एक स्वस्थ और आदर्श जीवनशैली की ओर बढ़ सकेंगे। डिजिटल प्लेटफार्म्स की भूमिका को लेकर उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान सभी देशों ने आमजन के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में डिजिटल प्लेटफार्म्स की भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने आगे कहा कि सभी देशों ने सहमति जताई कि इससे सर्विस डिलिवरी और इनोवेशन को सुगम बनाया जा सकता है। (एजेन्सी)
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